विश्वास की डोर – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi
“माँ, आप हमेशा मुझे टोकती क्यों रहती हैं? क्या आपको मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं?” अदिति ने झुंझलाकर कहा और अपने कमरे का दरवाज़ा भड़ाक से बंद कर लिया। माँ बाहर खड़ी रहीं… चुपचाप। आँखों में थोड़ी नमी थी, लेकिन चेहरा शांत। हर दिन यही होता है – माँ समझातीं, और अदिति नाराज़ हो … Read more