माँ का घर – रीटा मक्कड़

आज भी अनिता को वो दिन याद है ।जब पापा की ह्रदय गति रुकने से अचानक मृत्यु हो गयी थी।उसके बाद तो घर का माहौल ही बदल गया था। बिज़नेस पर बड़े भाई और घर पर भाभी का एक छत्र राज्य शुरू हो गया था। माँ का तो जैसे किसी ने राजपाठ ही छीन लिया … Read more

पछतावा  – उमा वर्मा

 तुम को गये हुए आठ महीने बीत गए लेकिन एक पल भी ऐसा नहीं था जब तुम्हारी याद नहीं आई हो।कल अमावस्या था और जब जब अमावस्या आता है तो मेरी बेचैनी बढ़ती  जाती है ।क्या करें ।लोग कहते हैं कि अमावस्या को जब कोई जाता है तो बहुत अच्छा होता है ।पता नहीं क्या … Read more

बीते लम्हों की सज़ा – शिप्पी नारंग |  family drama story

मैं देख रही थी अपने सामने सजी संवरी खिलखिलाती राशि को जो अपने छोटे से बेटे को गोदी में उठाए सब मेहमानों से प्यार से गले मिल रही थी उसकी खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी ।आज उसकी ननद रितु की शादी थी मैं अपने पति के साथ और मेरे मायके से मम्मी पापा व … Read more

लिव इन –  अमित रत्ता

श्रेया बहुत ही पढ़ीलिखी होनहार होशियार और आत्मनिर्भर लड़की थी। माँ बाप का मानना था कि हमारी बेटी एकदिन हमारा नाम रोशन करेगी। श्रेया अभी बाइस साल की हुई थी। आज सुबह जैसे ही वो आफिस जाने लगी तो माँ ने टिफिन हाथ मे पकड़ाते हुए कहा कि पापा तुम्हारे रिश्ते के बारे में बात … Read more

दर्द के आँसू  – मीनाक्षी सिंह

माँ ,जल्दी आओ….देखो पापा ने फिर बिस्तर गंदा कर दिया ….आप कहां चले ज़ाते हो इनके पास से….पता हैँ ना आपको आज मेरे सिनियर सर अपनी फैमिली के साथ खाने पर आ रहै हैँ…पूरे घर में बदबू आ रही हैँ…साफ कीजिये जल्दी… बेचारी 70 वर्षीय रमावती जी को अपने सगे बेटे कुनाल के मुंह से … Read more

अब पछताये होत क्या? –  मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani

  रात के अंधकार को चीरते हुए बस पूरी रफ्तार से गीली सड़क पर दौड़ रही थी। रह-रहकर बादल के गरजने और बिजली के चमकने का क्रम जारी था।   पानी भी घंटे-आध घंटे के अंतराल पर बरस रहा था पर कमलेश के अंतस्थल में उमड़ते- घुमड़ते दुख के बादल उसकी आंँखों के माध्यम से लगातार बरस … Read more

पछतावा – पुष्पा पाण्डेय | best family story

ये सोशल मीडिया भी कमाल की  है। कभी- कभी बरसों बिछड़े लोगों को सामने ला खड़ा कर देती है। अचानक फेसबुक पर एक तस्वीर देखकर जैसे नासूर बने घाव के पीर से कराह उठी। हाँ निःसंदेह यह तस्वीर आरती की ही है। वही आरती जो प्रन्दह साल पहले अपनी चाची के साथ छुट्टी के दिन … Read more

यत्र तत्र सर्वत्र – मनीषा देबनाथ

अमन एक इंजीनियर होने के साथ-साथ एक अच्छा लेखक भी था। लेकिन एक इंजीनियर होने के बावजूद अमन को ज्योतिष, वास्तु, तंत्र मंत्र के विषयों में जानना और लिखना उसे बहुत शौक था।रात के दो बजे थे। अमन एक जन्मपत्री का अध्ययन कर रहा था। वह संसार की सुध-बुध खोये एक अनजान लड़की की कुण्डली … Read more

 पछतावा – रणजीत सिंह भाटिया | best hindi kahani

जब भी मां का फोन आता वह एक ही बात कहती ” बेटा जल्दी आजा कब आएगा….? ” मैं कहता  “हाँ माँ मैं जल्दी आ रहा हूं तुम्हारे लिए क्या लेकर आऊं…? ” फिर मां कहती  ” बेटा तू परदेस में कितनी मेहनत करता होगा सब कुछ है बस सिर्फ तेरी कमी है तू आजा … Read more

दुआएँ – गुरविंदर टूटेजा

 नीतू तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही चलो डॉ० को दिखा आते है…अंकित आज पीछे ही पढ़ गया था…!!!!   अंकित अभी ठीक लग रहा है रहने दो ना मैं नहीं जा रही डॉ० को दिखाने…!!!!  नहीं आज तुम्हारी नहीं चलेगी तुम्हे चलना ही पड़ेगा तुम जानती हो कि दिखायेंगे तो डॉ० सर्जरी का बोल देगें … Read more

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