सफर – उषा भारद्वाज
वो मुस्कुराते हुए कार में बैठ गयीं, कार चली गई । शिखा दूर जाती कार को एकटक देखते रही। उसकी आंखों के सामने अतीत की यादें चलचित्र बनकर घूमने लगी। वो धीरे-धीरे कदम बढ़ाने लगी और अपने घर आ गई। सीधे अपने कमरे में जाकर लेट गयी। आंखों के सामने दीदी का चेहरा और अतीत … Read more