नसीहत – शिप्पी नारंग | Moral Story In Hindi
सुबह के दस बजे थे कि दरवाज़े की घंटी बजी। प्रमिला जी ने चाय का कप रखा और दरवाज़े की तरफ बड़ी। रमेशजी भी तब तक अख़बार हाथ में लिए उठ खड़े हुए। प्रमिला जी ने हाथ से इशारा कर दिया कि “मैं जा रही हूं” दरवाज़े की तरफ चल दी। दरवाज़ा खोलते ही जो … Read more