आँसू पीकर रह जाना – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

गाँव के आखिरी छोर पर बने  एक छोटे से घर में, रहता था आकाश. घर में बूढ़े माँ-बाप थे, दो बहनें – बड़ी, रमा तो अपने ससुराल जा चुकी थी, पर छोटी, पूजा की शादी की चिंता में सब परेशान रहते थे . और थे दो भाई – बड़ा, सुरेश, जो गाँव की छोटी-मोटी दुकान … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शहर के एक शांत मोहल्ले में, एक तीन मंज़िला मकान में अभिषेक अपने माता-पिता के साथ रहता था. वह अपने माता पिता का इकलौता बेटा था और परिवार की गिनती मध्यम वर्गीय परिवारों में होती थी. घर में हमेशा सुख-शांति का माहौल रहता था और अभिषेक को कभी किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं हुई … Read more

कर्तव्य का पालन – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

शाम पांच बजे के करीब आनंद जी घूमने के उद्देश्य से अभी घर के बाहर थोड़ी ही दूर निकले थे कि उन्हें गाँव का एक लड़का सुरेश मिल गया। वह भी उनके बेटे के साथ बेंगलुरु मे काम करता था। आनंद जी को देखकरउसने कहा प्रणाम चाचा, कैसे है आप? ख़ुश रहो बच्चा।मै तो ठीक … Read more

“विश्वास की डोर” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रमन और जीतू बचपन से एक साथ एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे । पढ़ाई में एकदम प्रथम हर साल क्लास में नंबर वन रहना ही उनकी दोस्ती का कारण था । हर क्षेत्र में दोनों साथ-साथ सांस्कृतिक प्रोग्राम में या खेलकूद में दोनों का प्रथम श्रेणी ही रहता था ।  रमन के पिताजी रंजन … Read more

अब बस और नहीं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

आज बहुत दिनों बाद रमा की सहेली नेहा उसके घर आई तो रमा बहुत खुश हुई।कहने को दोनों एक ही बिल्डिंग में रहती थीं पर दोनों का मिलना लिफ्ट में या फिर मॉर्निंग वॉक के समय ही होता था।रमा चाय नाश्ता लेकर आ गई।बातों ही बातों में नेहा के पति का जिक्र चला तो नेहा … Read more

अस्तित्व – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी आज़ादी, किसी पुराने घर के आंगन में मुस्कराती मिलती है, जहां दरारों में भी अपनापन होता है और खामोश दीवारों से भी संवाद होता है। ये कहानी है सावित्री देवी की — एक ऐसी मां की जो अपने बच्चों के सुख में भी खुद को भूल नहीं सकी, और खुद … Read more

विश्वास की डोर – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

“माँ, आप हमेशा मुझे टोकती क्यों रहती हैं? क्या आपको मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं?” अदिति ने झुंझलाकर कहा और अपने कमरे का दरवाज़ा भड़ाक से बंद कर लिया। माँ बाहर खड़ी रहीं… चुपचाप। आँखों में थोड़ी नमी थी, लेकिन चेहरा शांत। हर दिन यही होता है – माँ समझातीं, और अदिति नाराज़ हो … Read more

आस्था और विश्वास – उषा वेंकटेसन : Moral Stories in Hindi

“बेटा, इस साल हमें गांव जाना है। मुन्ना तीन साल का हो जाएगा और हमें उसके पहले मन्नत पूरी करनी है।” सुभद्रा ने बेटे को कहा। “हाँ मम्मी, मुझे याद है। पूजा और यात्रा कब शुरू होगी? मैं एक हफ्ते की छुट्टी लेता हूं और बुकिंग भी करता हूं।” उसके बेटे ने उत्तर दिया। “हमें … Read more

अब और नहीं – अंकिता सिंह : Moral Stories in Hindi

सपना एक समझदार, मेहनती लड़की थी। माँ के गुज़रने के बाद घर की सारी ज़िम्मेदारी उसी पर आ गई। घर के छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई, खाना, सिलाई—हर काम में वह निखरती गई, लेकिन खुद को पीछे छोड़ती गई। उसका सपना था एक दिन शिक्षिका बनने का, लेकिन हालातों ने उसकी ज़ुबान को चुप करा दिया। … Read more

*अहम * – मिन्नी मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आकाश को घर से निकले पाँच दिन हो गये । एक-दो दिन मुझे अकेलेपन का जरा भी अहसास नहीं हुआ, सब कुछ अपनी मनमर्जी से किया । परंतु , आज सवेरे से ही मन बेचैन था.. . कभी टीवी खोलती, कभी खिड़की के पास खड़ी होती, तो कभी वार्डरॉब में उनके कपड़ों को निहारती । … Read more

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