छुपा दुश्मन –  उषा शर्मा

निशा का बेटा  रवि और उसकी देवरानी रिचा की बेटी ईशा एक ही स्कूल में पढ़ने जाते । निशा सुबह जल्दी उठकर दोनों बच्चों के लिए टिफिन तैयार करती और फिर बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजती ।  निशा का बेटा बहुत चंचल है पढ़ने में भी होशियार और खेलने कूदने में सबसे आगे इसके … Read more

मास्टर जी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

“मास्टर जी.. मास्टर जी…!!,” “क्या है पंडित जी…?,मास्टर दीनानाथ जीअपने हाथों में लालटेन लेकर दरवाजा खोलते हुए बड़े आश्चर्य से  पंडित जी से पूछा। रामनगर के पुजारी पंडित भोला राम  देर रात अपने निवास स्थान से निकल कर मास्टर दीनानाथ के घर चुपचाप आ पहुंचे थे। मास्टर दीनानाथ रामनगर के एक स्कूल शिक्षक थे। रामनगर … Read more

“रिश्तों की लक्ष्मण रेखा” – कविता भड़ाना : Short Stories in Hindi

सुहासिनी  झलकते हुए आंसुओ से अपने पिता को जाते हुए देखती रही, पर उन्हें पुकार कर, उनके गले लग कर, आंखों में आए हुए आंसुओ को दिखाकर, खुद को कमजोर नहीं दिखा सकती थी, इसीलिए बस उन्हें चुपचाप निहारती रही…. “जिस दिन दामाद जी तुम्हारी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दे, इस बाप के घर … Read more

सखा, भाई, पिता, और पति – रेखा जैन : Short Stories in Hindi

आज रोहिणी बहुत खुश थी।  वो अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी।  आज का ये सुखमय और खुशियों भरा दिन उन्ही की बदौलत उसकी जिंदगी में आया है।   सोचते हुए वो अतीत में गोते लगाने लगी…जब वो ब्याह कर इस घर में आई तब उसकी उम्र 15 वर्ष ही थी।  दसवीं की … Read more

रेखा के सवाल – रंजू अग्रवाल ‘राजेश्वरी’ : Short Stories in Hindi

आज फिर वही हुआ ..जो सालों से होता आ रहा था ।यूं तो रेखा की शादी को पंद्रह साल हो चुके थे लेकिन उसके जीवन मे सूर्योदय से सूर्यास्त तक होने वाली घटनाओं में कोई अंतर नही आया था । दुपट्टे के कोने से आंखों को पोंछते हुए वो चुपचाप रसोई के काम मे व्यस्त … Read more

हृदयहीन – कमलेश राणा

मम्मी आज कैसी सब्जी बनाई है आपने कितना ज्यादा नमक भर दिया है न बनाने का मन हो तो बता दिया करो हम होटल से मंगा लेंगे।  हाँ हाँ मंगा लो खुशी से और हाँ मेरे लिए भी मंगा लेना यह नहीं दिखता तुम्हें कि कितनी गर्मी में सुबह से किचन में खड़ी हो कर … Read more

जागृत पुरुषत्व – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  वैशाली मुझे लगता है मेरे हाथ ऊपर हवा में लहराते हुए से हैं और मैं अनंत गहराई में डूबता जा रहा हूँ।मैं क्या करू,वैशाली,मैं हार गया,मैं अपने से हार गया।      अभिषेक,क्यूँ हिम्मत हारते हो?एक रास्ता बंद होता है तो ईश्वर दूसरा रास्ता खोलता है, बस हमे उस रास्ते की खोज ही तो करनी है।मैं हूँ … Read more

घमंड – उमा वर्मा : short hindi stories

आज मौली की बरसी है ।उसे गये एक साल बीत चुके हैं ।समय कितना जल्दी अपनी यात्रा पूरा करता है, यह उसकी जेठानी आभा को पता चल रहा है ।बरसी की तैयारी जोर शोर से चल रहा है ।परिवार के बहुत सारे लोग जुटे हुए हैं । मौली के पापा बहुत पहले गुजर गए थे … Read more

बड़े बोल – डा. मधु आंधीवाल

हलो कौन बोल रही हैं । हलो हांं मैं राधिका बोल रही हूँ सौम्या पहचाना नहीं । दीदी आपका नं नहीं था बताइये आज कैसे याद कर लिया। कुछ जरूरी काम था मै तुम्हारे शहर आई हूँ । तुमसे मिलना बहुत जरूरी था ।            डा. सौम्या एक जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ थी । उनसे … Read more

पछतावा-शिव कुमारी शुक्ला: Short Story

कहते है कि रूप, योवन, पैसे एव॔ पद का कभी घमंड नहीं करना चाहिये क्योंकि ये चारों ही जीवन में क्षणिक साथी है। पता नही कब दगा दे जायें। किसी भी चीज पर गर्व करना सही है, किन्तु घमंड नहीं। यह इन्सान को ले डूब ता है । गर्व और घमंड के बीच सिर्फ एक … Read more

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