सन्नाटा – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था ऐसा लग रहा था की सांसों की आवाज भी कान को भेद रहीं हैं।मजाल है की किसी के मुंह से एक भी शब्द फूटे। आखिर क्या हुआ था सुरेश जी के साथ।जिस अवस्था में उनकी लाश मिली थी। कहां थे परिवार के लोग और कोई साथ क्यों नहीं था … Read more

मान भंग – शुभ्रा बैनर्जी :  Moral Stories in Hindi

प्रत्येक शनिवार, घर के निकट बने शनिमंदिर में कुछ असहाय वृद्ध,कुछ चलने में लाचार,कुछ दृष्टि विहीन पुरुष और महिला सुबह से ही कतार बद्ध होकर बैठ जाते।शनि मंदिर में श्रद्धालुओं का आना निश्चित होता था।हर श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुरूप भगवान के नाम से इन्हें खाने-पीने की सामग्री,पैसे और भी दान दिया करते।रमा नियमित तो … Read more

बहू तो मना कर देती है – अर्चना खण्डेलवाल :  Moral Stories in Hindi

आरती, दोपहर को मेरे ममेरे भाई-भाभी आ रहे हैं तो कुछ अच्छा से भोजन की व्यवस्था कर लेना, उन्हें थोड़ा चटपटा और तीखा खाना पसंद है, तूम नाश्ते में आलू छोले टिक्की और पनीर कबाब बना लेना, और भोजन में मिक्स वेज, रायता, पुलाव, मलाई कोफ्ता और दाल मखनी, साथ में तुम्हारे हाथ की गरमागरम … Read more

बहू औरते उड़द दाल के लड्डू नहीं खा सकती – स्वाती जैंन :  Moral Stories in Hindi

यह क्या प्रिया , तुम नहाने से पहले रसोई में घुस गई , तुम्हें कितनी बार बताना पड़ेगा औरतों को नहाने से पहले रसोई में नहीं आना चाहिए चंचला जी चिल्लाकर बोली !! प्रिया जो कि जल्दी जल्दी पति राहुल और देवर अनिश के लिए पराठे बना रही थी , चंचला जी की कड़कती आवाज … Read more

घड़ियाली आसूं – विमला गुगलानी : Short Story in Hindi

  सुबह होते ही गांव के जिमींदार की मौत की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई थी। ऐसी खबरें तो पुराने जमाने में  भी पलक झपकते ही पहुंचती थी और आज तो मोबाईल का जमाना है। एक के बाद दूसरी सांस आने से पहले ही मैसेज पहुंच जाता है।         जिमींदारी प्रथा … Read more

ना का नगीना – डॉ० मनीषा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी की शादी को अभी छह महीने ही हुए थे, पर वह पहले ही “आदर्श बहू” की तमगा बटोर चुकी थी। सास सुशीला देवी का एक इशारा, और मीना उस पर पंख लगाकर उड़ चलती। पति राहुल की एक फरमाइश, और वह रात की रानी बन जाती। पड़ोस की चाची का एक आग्रह, और वह … Read more

बेजोड़ रिश्ता – शुभ्रा बैनर्जी :  Moral Stories in Hindi

“नीरज ओ नीरज,जल्दी घर आना आज ऑफिस से।रिद्धि के घर जाना है।उसके मम्मी -पापा ने बुलवाया है विवाह के बारे में बात करनी है उन्हें।चलो अच्छा है,जल्दी से लेन-देन की बातें तय हो जाएं तो ही अच्छा है।रिश्तेदारी में खबर फैली नहीं कि बातें बनाना शुरू।”नमिता अपने बेटे के जवाब की प्रतीक्षा किए बिना ही … Read more

बिटिया का घर बसने दो – दीपा माथुर :  Moral Stories in Hindi

पापा जब भी कोई चीज़ लाते, मैं उसे बड़ी एहतियात से अपनी अलमारी में रख देती थी — जैसे कोई अनमोल रत्न। पर जो चीज़ मैं कभी मांगती भी नहीं थी, वो पापा ख़ुद लाते थे — किताबें। छोटी-छोटी नैतिक कहानियाँ, बाल मन को गढ़ने वाली कथाएँ। आज के मोबाइल युग में भले ही सब … Read more

जाहिल – डाॅ संजु झा :  Moral Stories in Hindi

65 वर्षीय विनय जी पत्नी की असामयिक निधन से शोकातुर थे। आरंभ में जिस पत्नी को गॅंवार-जाहिल समझते थे,कुछ दिनों बाद वही उनके दिल की धड़कन बन गई थी। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनसे पन्द्रह साल छोटी पत्नी (रेखा) उन्हें उम्र के इस पड़ाव पर अचानक से छोड़कर चली जाएगी।रेखा उनकी … Read more

“हर बात के लिए बहु ही दोषी क्यों – कमलेश आहूजा :  Moral Stories in Hindi

ठंडी हवाएं चल रहीं थीं पर बारिश थम चुकी थी।रोहन जिद पर अड़ा हुआ था कि मॉल जाना है।रीना बोली,ऐसा क्या जरूरी काम है?जो बारिश के मौसम में मॉल जाना है,तो मुस्कुराते हुए रोहन बोला-“क्या बताऊँ यार,मैंने दो दिन पहले मूवी के टिकिट बुक कराए थे ये सोचकर कि इस संडे शाम को मॉल जाकर … Read more

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