आखिरी मुलाकात – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘मम्मी, आप चाय में चीनी बहुत डालती है।’’ अजय का स्वर तल्ख था। ‘‘क्या करूं। कभी कभी अंदाजा नहीं मिल पाता है,‘‘वसुधा के स्वर से लाचारी स्पष्ट थी। ‘‘एक ही काम आप रोज करती है तब भी सही नहीं कर पाती?’’अजय के कथन पर वसुधा का मन भींग गया। यह … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 3) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं खुद को आइने में देखकर पहचान नहीं रही थी। अब मुझे चिंता हो गई कि अगर उसने भी मुझे नहीं पहचाना तो, ये सोचते ही मैं रुआँसी हो गई। मुझे ऐसे देखकर माँ ने पूछ ही लिया, “क्या बात है बेटे.. तुम्हारा चेहरा क्यूँ मुरझा गया? बालों का बनावट बदल दूँ क्या?” माँ को … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 2) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

घर जाकर मैंने पीली साड़ी के लिए पूरा घर सिर पर उठा लिया। माँ के पास तीन चार पीले रंग की साड़ी थी, सब एक से बढ़कर एक। उस दिन मुझे एक भी साड़ी पसंद नहीं आई।  “चल बाजर चल कर ही ले आते हैं साड़ी और गजरा भी ले लेना, सुंदर लगेगी।” माँ ने … Read more

बारिश का इश्क – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन जाने आज वर्तिका की बेटी ने पुराने गाने कैसे लगा दिए.. नहीं तो बेफालतू के धूम धमाके सुबह से शुरू हो जाते हैं। कितनी बार कहा है, “सुबह भजन लगा रहने दो। ना हो तो कोई हवा में गुँजन करने वाले गाने लगा लिया करो।” वर्तिका रविवार की … Read more

वसीयत – रश्मि सहाय : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  पंकज ड्राइंग रूम के सोफे पर अधलेटे से थे, और सामने पड़े थे कुछ पेपर, और ड्राइंगरूम में ही लगभग समवयस्क उनकी एक बहन और तीन भाई भी मौजूद थे।     बातचीत का एक दौर खत्म हो चुका था, और वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। सभी की आंखों में आज से … Read more

इसमे संकोच कैसा – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :     ” आप यहाँ बैठिये भाईसाहब…मैं अभी पानी लेकर आती हूँ।” सोफ़े की ओर इशारा करते हुए सुनंदा जी अपने समधी प्रशांत बाबू को कहकर रसोई में चली गईं।तभी दिवाकर बाबू भी प्रशांत बाबू का सामान लेकर आ गये और बोले,” अब आप यहाँ आराम से रहिये।”   ” मैं यहाँ… … Read more

जेठानी की अकड़ और देवरानी का स्वाभिमान  – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालकिन मैं जा रही हूं , रमा की आवाज कान में पड़ी तो रुचिका बोली खाना खा लिया !! हाँ मालकिन खा लिया रमा बोली !! रूचिका बोली , मैंने तेरे बच्चों के लिए खीर डिब्बे में भरकर रखी हैं जरा लेते हुए जाना !! रमा बोली मालकिन रोज – … Read more

खूबसूरत रिश्ते – सुषमा यादव: Moral Stories in hindi

सविता की सौत सीता ने सविता को गले लगाते हुए कहा, छोटी, तुमने तो शादी करने के बाद अपना घर-बार ही भुला दिया है, वो घर आज भी तुम्हारा है। तुम अपने घर और हम सबको कैसे भूल सकती हो। तुमने बहुत अच्छा किया जो दूसरी शादी कर ली। अपने ऊपर का कलंक तुमने धो … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 2)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मनीष ने उसे अपने और करीब लाते हुए कहा -” निभा!मैं भी तुम्हारे और बच्चों के बिना नहीं रह सकता हूँ,परन्तु इस उम्र में माँ-पिताजी अकेले कैसे रहेंगे?मेरे भाई की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।बहन की भी शादी करनी है।सबसे बड़ी बात बच्चे यहाँ अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 1)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कभी अपने लिए  कुछ पल की चाहत  रखनेवाली निभा  को आज अकेलेपन ने अपनी बाँहों में कैद कर लिया है।कभी उसका घर सास-ससुर, देवर-ननद ,पति और बच्चों की  हँसी-ठिठोली से गूँज करता था,परन्तु आज वही दीवारें भी उसकी तरह गुमसुम पड़ी हैं।बेटी की शादी हो चुकी है,बेटा काॅलेज गया हुआ  … Read more

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