हाय मैं शर्म से लाल हुई – प्रीती सक्सेना
ये कहानी मेरी पाठिका द्वारा भेजी गई है, वो चाहती हैं, मैं अपने स्टाइल में उसे लिखूं, मैं पूरी कोशिश करुंगी नीलम जी उस दिन सुबह सुबह मैं अपने बगीचे में पौधों को पानी दे रही थी, अचानक एक साइकिल रिक्शा मेरे घर के सामने रूका, मैंने ताज्जुब से देखा, एक ग्रामीण परिवेश में अधेड़, … Read more