मायके की ललक

रागिनी का जन्म एक संयुक्त परिवार में हुआ था। रागिनी के पापा के चारों भाई दादा-दादी सब साथ ही रहते थे। संयुक्त परिवार में होने के कारण रागिनी, रिश्तो की कद्र करना जानती थी और वह खुद भी एक बेहद समझदार और जिम्मेदार लड़की थी। जब रागिनी कॉलेज में थी तभी उसकी शादी प्रकाश से … Read more

मायके का बेटा – मुकेश कुमार

मैं बाथरूम से जैसे ही नहा कर निकली मेरी पड़ोसन शीला ने दरवाजा खटखटाया।   दरवाजा खोलते ही मैंने बोला अंदर आओ, कैसी हो और क्या हाल है। तभी शीला ने कहा मैडम हाल-चाल बाद में पूछना पहले यह बताओ तुम्हारा फोन कहां है तुम्हारे मिस्टर ने हमें फोन किया है यह लो बात करो। … Read more

पाप और पुण्य मेरे चश्में से – हरेन्द्र कुमार

गंगुवा ने जैसे ही आलू की बोरी (थैला) को माथे से नीचे उतरा बाबूसाहेब के आंगन में , बाबूसाहब आंगन में ही खड़े थे , गरजते हुए लहजे में बोले :- केकर लइका हवस (किसके लड़के हो)। गंगुवा डरे हुए और दबूपन नजरों से बाबूसाहब को देख कर बोला :- बुधिया के ह‌ई । गंगुवा … Read more

निराशा के बादल छंटने लगे हैं-Mukesh Kumar

आज मेरी पहला करवा चौथ था।  मैंने अपने पति दिनेश से आज जल्दी ऑफिस से घर आने को बोला था. शाम के 5:00 बज गए थे लेकिन दिनेश अभी भी ऑफिस से घर नहीं आए थे।  मैंने उनको फोन किया तो उन्होंने बोला रास्ते में हूं तुम्हें तो पता ही है कि पहाड़ी वाले मेरास्ते … Read more

ख्वाबों के परिंदे उड़ चले हैं-Mukesh Kumar

अनुराधा अपने 3 साल की बेटी जानवी को लेकर बाजार में सब्जी खरीद रही थी.  अनुराधा सब्जी वाले से आलू का भाव पूछ रही थी तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रख दिया अनुराधा ने पीछे मुड़ कर देखा तो उसकी दोस्त पुष्पा पीछे खड़ी थी।  अनुराधा ने आश्चर्य से पूछा अरे पुष्पा तुम … Read more

मैं अपनी दादी माँ जैसा बनना चाहती हूं-Mukesh Kumar

सुबह सुबह का टाइम था बच्चों और पति को स्कूल भेज चुकी थी थोड़ी देर सोचा सोफा पर आराम कर लेती हूं फिर बाकी घर का काम निपटाऊंगी.  तभी मेरी मां का फोन आया मैंने मां से पूछा मां सब कुछ ठीक तो है ना इतनी सुबह फोन ! क्योंकि मेरी मां अक्सर दोपहर में … Read more

एक हजारों मे मेरी बिटियाँ हैं-Mukesh Kumar

गीता जल्दी से नाश्ता लाओ ऑफिस के लिए लेट हो रहा है।  गीता के पति रमेश ने आवाज लगाई। गीता जल्दी से नाश्ता लेकर अपने पति को दे ही रही थी तभी सासु मां ने कहा बहु मेरी चाय कब दोगी। गीता ने कहा अभी लाती हूं। माँ जी।  गीता की सास को शुगर की … Read more

ससुराल की नौकरानी-Mukesh Kumar

डिनर बनाने का समय हो गया था नेहा ने  सोचा कि सब से पूछ लेती हूं कि सब लोग क्या क्या डिनर में खाएंगे। सबसे पहले उसने अपनी सास से पूछा, “मम्मी जी आज खाने में क्या बनाऊँ.  नेहा की सास सविता जी ने कहा, “मुझे तो आज राजमा चावल खाने का मन कर रहा … Read more

मेरे पति जैसा कोई नहीं-मुकेश कुमार

आज मेरी शादी का 28 वां सालगिरह है.  मेरे घर में मेरी दो बहुएं भी हैं। छोटा बेटा इंजीनियरिंग कर रहा है।  बेटी भी ग्रेजुएशन फाइनल में पहुंच चुकी है। सब मिलकर मेरे इस सालगिरह को यादगार बनाने में लगे हुए हैं।  मेरे पति मुझसे इतना प्यार करते हैं। ऐसा लगता है कि हमारी शादी … Read more

बीमार हूँ लाचार नहीं-मुकेश कुमार

प्रताप जी का दिल्ली में शर्ट की अपनी खुद की फैक्ट्री थी। गांधीनगर के होलसेल बाजार में उनकी खुद की अपनी दुकान भी थी उनके तीनों बेटे मिलकर दुकान को संभालते थे।  प्रताप जी पैसे की कमी की वजह से स्वयं तो पढ़ाई नहीं कर पाए थे क्योंकि वह खुद एक गरीब परिवार से आते … Read more

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