संयुक्त परिवार – डॉ अंजना गर्ग
“शैलेश आज तुम फैसला कर लो मैं इस चकचक में अब और नहीं रह सकती।”कोमल ने अपने पति को लगभग चीखते हुए कहा। “कम्मो, धीरे बोल कोई सुन लेगा।” ” सुनने दो । मैं इतनी भीड़ में कभी नहीं रही। चपाती बनाने लगो तो 2 घण्टे चपातिया बनाते जाओ, कपड़े धो तो दोपहर हो जाए … Read more