निमित्त मात्र – सुनीता मिश्रा
प्लेटफार्म पर लगभग दौड़ते हुए वे अपने ट्रेन के कोच नम्बर एस पांच तक पहुंचे ,गाड़ी ने रफ्तार ले ली थी।गाड़ी की उसी रफ्तार मे वे दरवाजे की रॉड पकड़ लटक गये ।उनका एक पैर पायदान पर और दूसरा पैर हवा मे लहरा रहा था।उनकी पीठ पर पिट्ठू बैग लदा था ,उसका वजन और गाड़ी … Read more