सड़क के जानवर – गोविन्द गुप्ता

  कुंदन अपनी पत्नी नन्दिता और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने निकला खुद की गाड़ी थी  स्टीरियो तेज आवाज में बज रहा था, मनमोहक गीतों की पूरी पेन ड्राइब आज सफर में आनन्द दे रही थी, कश्मीर की सुरम्य वादियों में केसर के खेतों में ,सेब के बागों में,वीडियो ,फोटो ग्राफी खूब हुई, पहलगाम … Read more

जीवंत – कंचन श्रीवास्तव

#बैरी_पिया कहते हैं जानवर भी पालो तो कुछ दिनों बाद उससे लगाव हो जाता है, फिर इंसान तो इंसान है कितना भी विचारों में विभिन्नता हो पर एक समय के बाद उसी में मजा आने लगता है ।और कब  जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर आ जाते हैं पता ही नहीं चलता। हां आप ठीक समझ … Read more

1965 का  प्रेम – सुनीता मिश्रा

उसका पत्र मिला मुझे, बहुत अवसाद भरा  था।उसने लिखा था–“मैं  जिन्दगी से निराश हो गई हूँ । जीने की इच्छा खत्म हो गई है, पर अपनी अनुभा का मुँह  देखती हूँ तो सोचती हूँ, मेरे बाद क्या होगा इसका ? क्या तू दो चार दिन के लिये नहीं आ सकती मेरे पास, शायद इस उदासी … Read more

टीस -गुरविन्दर टूटेजा

—————    रात के पौने बारह बज रहे थे…आँखें बंद कर गरिमा लेटे लेटे सोच रही थी कि पता ही नही चला कि कैसे शादी को पच्चीस साल गुजर गये…पर शुरुआत में हुई वो बातें आज भी टीस सी मन में चुभ जाती है…..!!!!  जब समीर देखने आये थे तो वो तभी कम पसन्द आये पर … Read more

किरायेदार – गोविन्द गुप्ता

एक मकान अपना हो यह सपना सभी का होता है यही सपना पाले नरेश और मीना दिल्ली के एक किराये के छोटे से अपार्टमेंट में रहने आये , नरेश एक कम्पनी में मैनेजर था और मीना स्कूल टीचर, दोनो की जिंदगी मस्ती से कट रही थी, सुवह निकल जाना शाम को आना और बाजार में … Read more

राधिका का सफर – संगीता अग्रवाल 

” सॉरी मिस्टर राहुल आपकी बीवी कभी मां नही बन सकती !” अपनी पत्नी राधिका को लेकर अस्पताल आए राहुल से डॉक्टर ने कहा। ” क्या…..पर डॉक्टर कोई इलाज तो होगा कोई उम्मीद कुछ तो !” राहुल बोला। ” देखिए राहुल जी चमत्कार पर मैं विश्वास नहीं करती और हकीकत आपको बता ही चुकी मैं … Read more

प्यार – अनुज सारस्वत

******* “अरे यार कसम से मौसम मस्त हो रखा ठंड है एक दो लड़कियाँ मिल जाये तो काम बढ़िया हो जायेगा।जम के प्यार किया जायेगा। साला अपना नसीब ही खोटा है। कोई मिली नही इतने दिन हो गये इस शहर में रहते हुए जब से गाँव छोड़कर आया” उमंग ने शराब का जाम एक बार … Read more

काश! बेटी की बातों में ना आती – तृप्ति उप्रेती

 “चाय बना दूं”? सुरभि जी ने पास बैठे दिनकर जी से पूछा। “इच्छा तो नहीं है। तुम पियोगी तो थोड़ी मैं भी पी लूंगा”। दिनकर जी अखबार समेटते हुए बोले। सुरभि घुटनों पर हाथ रखकर धीरे-धीरे उठी और रसोई में जाकर चाय बनाने लगी। सर्दियां शुरू हो चली थी। ऐसे में उनके जोड़ों का दर्द … Read more

माँ तो हूँ ही अब से पिता भी हूँ – डॉ उर्मिला शर्मा

सविता ने गैस पर एक तरफ कड़ाही चढ़ाकर भटूरे तलना शुरू किया तथा दूसरे बर्नर पर कुकर में छोले बन रहे थे। ये आखिरी सिटी बजी और वह गैस ऑफ ही करने वाली थी कि गुड्डू के कमरे से उसके और पीहू के झगड़ने की आवाज़ आयी। अक्सर ये दोनों भाई- बहन ऐसे ही जब … Read more

पिया की पाती – अनुपमा

#बैरी_पिया अनुज और बच्चे सभी बहुत उत्साहित है आज मम्मी पापा जी की 50 वीं शादी की सालगिरह जो है , अनुज ने एक छोटी सी पार्टी रखी है , बड़ी दीदी , छोटी दीदी , भैया जी व कुछ करीबी लोगो को बुलाया गया है । बच्चे तो इतने उत्साहित है की उन्होंने उस … Read more

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