कोढ़ – रीता मिश्रा तिवारी
“दीदी ओ दीदी तनी बाहर आबो ने। कौन है? हाथ पोंछती निम्मी किचन से बाहर आ कर देखती है, एक भिखारिन जैसी औरत बैठी है। जगह जगह से फटी साड़ी से झांकता उसका शरीर । वो बहुत कमजोर दिख रही थी। मुझे घूरते देख सहम गई और अपने हाथ छुपा लिए। मैंने पुछा क्या है? … Read more