रमा- कीर्ति रश्मि नन्द
रमा का मन आज कुछ उचाट सा था …आनंद इस बात को समझ रहा था “जब से पाहुन का फोन आया है वो कुछ परेशान सी है … हो भी क्यों न बात ही कुछ ऐसी है।” “क्या करूं” … “चलो अपने लिए कोई एक कीमती ड्रेस ले लो “… आनंद ने झिझकते हुए कहा … Read more