बोलती गुड़िया (भाग 2) – आशा सारस्वत

परेशान मन से जैसे-तैसे कार से मैं घर पर पहुँच गई । वहाँ जल्दी से बच्चों को तैयार किया और अपनी मनपसंद सिल्क की बनारसी साड़ी को उतार कर दूसरी साड़ी बदली । यह सब करते हुए थोड़ा ही समय लगा था कि मूसलाधार वर्षा अब नन्ही बूँदों में परिवर्तित हो गई । तभी घर … Read more

डाइनिंग टेबल – कंचन श्रीवास्तव “आरज़ू”

*************** डाइनिंग टेबल पर एक साथ खाना खाने के लिए बैठे सबको  देख रेखा की आंखें झलक आई जिसे सिर्फ सामने बैठे सुनील ने देखा। पर चुप रहे क्योंकि बात सिर्फ उसके और उसके पत्नी के बीच की थी इसलिए सबके जाने और उसके बेड पर आने का इंतजार किया। आते ही एक नज़र उस … Read more

हक़ – प्रीति आनंद अस्थाना

शीतल को बिस्तर पकड़े एक सप्ताह से ऊपर हो गया है। जब से डॉक्टर ने लिवर का कैंसर बताया है रोहित की तो हिम्मत ही टूट गई है। इलाज के लिए लाखों चाहिए, वे कहाँ से लाएँगे? क्लर्क की नौकरी से उन्होंने अपने दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई पर वे विदेश जाकर वहीं बस … Read more

गणिका – रीमा महेंद्र ठाकुर

उन्नीस सौ अस्सी दशक की बात है, सडक पर भारी गहमागहमी, वैसे भी रेड एरिया, राते तो जगमगाती है, और दिन रातो से विपरीत, सन्नाटा मनहूस, दिन के उजाले में शायद ही कोई, सभ्रांत नागरिक उधर से गुजरता हो, रोजी रोटी की तालाश में अनजाने ही एक अजनबी उस गली में आ गया था! कपडे … Read more

पोस्ट वैडिंग शूट – प्रीती सक्सेना

कल हमने एक वीडियो देखा,, जिसमें, हमारी ही उम्र की,, वजन में पाव,, आधा किलो, कम वजन की महिला,, पोस्ट वैडिंग शूट,, करा रही थी,, हमारे दिमाग की बत्ती जली,, और हम खुश होकर चिल्लाए,, प्रियतम,, तनिक यहां आवो,, हमारी बात सुनो,,,, चाशनी युक्त बातों से ये घबराते हैं,,, हम दोनों को शुगर की बीमारी … Read more

बोलती गुड़िया (भाग 1) – आशा सारस्वत

   जिस दिन मैंने पहली पहली बार शीतल को देखा, उसे देख कर मन वात्सल्य भाव से भर गया। वह पहला दिन, मेरी शादी के बाद ससुराल का था ।मैंने जैसे ही अपनी ससुराल में उसे देखा तो प्यार करने के लिए अपनी गोद में ले लिया और वह भी ऐसे लिपट गई जैसे उसका मेरा … Read more

मायका दूर है – रीमा ठाकुर

विवाह के बाद पहली बार  छवि को लेने बडे भैया “ आये थे नई नवेली छवि सिर पर पल्लू डाले बडे भाई के सामने सकुचा रही थी!  पति आकाश के आते ही, वो पानी का गिलास थामे उसकी ओर बढ गयी! छवि की आहट वैसे भी आकाश पहचान लेता था!  छवि चुपचाप आकाश पीछे जाकर … Read more

प्यार का इज़हार – रीटा मक्कड़

काश कोई एक गुलाब हमे भी दे जाता..!!! काश कभी हमारा दिल रखने के लिए ही सही अपने घुटनों पर  बैठकर गुलाब के साथ प्यार का इजहार भी कर देता। पर हर किसी के नसीब में ये सब नही होता ना। बचपन से लेकर शादी होने तक नीरजा ने मन मे बस एक ही सपना … Read more

मायका–बेटियों का टूरिस्ट प्लेस – वीणा

शाम की नीरवता वातावरण में छाई हुई थी,बालकनी में बैठी स्वाति की आँखों के कोर गीले थे। वह उन दिनों को याद कर रही थी जब उसकी नई नई शादी हुई थी। बनारसी साड़ी का बड़ा शौक था उसे, पर ससुराल वालों ने भी शादी के मौके पर एक सादी सी साड़ी दे दी थी, … Read more

हमारी अनोखी मित्रता – पायल माहेश्वरी

#मायका हर साल जब मायके जाने की आती हैं बारी मन में खिल जाती नवीन खुशियों की फुलवारी !! मायके का लगाव उम्र के किसी भी पड़ाव पर कम नहीं होता हैं और  बचपन की अनगिनत अच्छी बुरी यादें मायके में जाकर फिर जीवन्त हो उठती हैं।    इस साल भी जब मायके जाने की बारी … Read more

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