अपने जीवन साथी पर भरोसा रखना भी तो प्रेम ही है  – सोनिया कुशवाहा 

हे भगवान ना जाने क्या देख कर मैंंने इस आदमी से शादी की! मेरी तो ज़िन्दगी ही बर्बाद हो गई, जब देखो तब लडाई झगड़ा अपने अलावा किसी और की पड़ी ही नहीं है इनको। मैं भी पूरा दिन ऑफिस में दिमाग खपाती हूँ तब जाकर चार पैसे कमा पाती हूँ। फिर घर जाकर खाना … Read more

खोल दिया साहब – प्रेम बजाज

राशिद खान को जैसे ही स्ट्रेचर से उतारकर रखा उसके जिस्म में दर्द की लहर उठी, उसे लगा जैसे किसी ने उसके जिस्म की एक-एक हड्डी तोड़ दी हो।  हिलना-डुलना बहुत मुश्किल लग रहा था, फिर भी हिम्मत करके उसने उठने की कोशिश की तो किसी हाथ ने उसे पकड़ कर रोक दिया। एक आवाज़ … Read more

मुझे बचा लो माँ । – संगीता अग्रवाल 

” गौरव बहु को अच्छे से समझा देना कल के लिए और हां ये भी कि इस बात का जिक्र कही ना करे वो !” बेटे के घर आते ही कान्ति जी बोली। ” हां माँ आप फ़िक्र मत करो वो कल आपके साथ जाएगी !”  गौरव बोला। ” जाना ही होगा बरखुदार कोई और … Read more

अपूर्व बंधन – संध्या पंडित

            सुबह के ठीक पांच बजकर तीस मिनट पर अलार्म की संगीतमय धुन से मुक्ता जी की नींद टूटी । उनींदी आँखो  से उन्होंने साइड टेबल पर रखा मोबाइल उठाकर ,अलार्म बंद कर, खिड़की के शीशे पर नज़र डाली। रातभर हुई झमाझम बारिश से हवाओं मे नमी थी। शीतल ठंडक का एहसास पाकर एक पल … Read more

“खोखले बन्धन” – कविता भड़ाना

“सिया” एक छोटे शहर की, बेहद खूबसूरत लेकिन बहुत महत्वाकांक्षी लड़की है। मध्यमवर्गीय परिवार की होने के कारण कमी तो किसी चीज़ की नहीं थी, पर सब कुछ सीमित मात्रा में ही मिल पाता था। परिवार में मम्मी पापा के अलावा एक बड़ा भाई ही है, तो लाडली भी बहुत है, सुंदर इतनी की रिश्तेदारों … Read more

बंजारन – प्रेम बजाज

“अरी ओ कजरी सारा दिन‌ सीसे में ही घुसी रवेगी का”? कुछ काम-धाम भी करया कर कभी!” “अम्मा, मोसे ना होता काम-वाम तेरो, मैं तो राजकुमारी  हूं, राजकुमारी और राजकुमारी कोई काम नाही करत” रोज़ का काम था कजरी की मां उसे काम में हाथ बंटाने को कहती और कजरी मना कर देती। दरअसल कजरी … Read more

साड़ी वाली विद्यार्थी – मंजू तिवारी

यह बात 1995 की है जब प्रेरणा कक्षा 9 में पढ़ती थी कॉलेज में सुबह-सुबह प्रार्थना होने के बाद प्रेरणा जब अपनी क्लास रूम में गई तो देखा एक जगह बहुत सारी लड़कियां भीड़ लगाए खड़ी है।और कुछ देख रही हैं। सभी आपस में बातें कर रही है तो प्रेरणा के मन में भी आया … Read more

जाके पैर फटी बिवाई (हेल्थ) – कुमुद मोहन

क्लब की नयी मेंबर मिसेज़ खन्ना जब मीटिंग में आईं तो एक बार तो सबकी नज़र जैसे उन पर ही जम गई। छरहरी फ़िगर, सलीके से पहनी साड़ी,हल्का सा मेकअप,खूबसूरत ज्वेलरी, मैचिंग पर्स,चेहरे पर फ्रेंडली मुस्कान आते ही मानो पूरे ग्रुप पर छा गयीं। डायनिंग स्पेस में जाने के लिए सीढ़ी  चढ़ते हुए पीछे से … Read more

क्या ऐसे भी अपने होते हैं? – प्रेम बजाज

अंकल सिमी को बेहद प्यार करते थे। उनके बाल एकदम सन की तरह सफेद और चमकीले थे। सिमी ने फ्रायड की सारी की सारी पुस्तकें तो पढ़ डाली थी, कभी फ्रायड की तस्वीर नहीं देखी।  पर पता नहीं अंकल को देखने से फ्रायड क्यों याद आ जाते थे। सोचती थी सिमी शायद फ्रायड की शक्ल … Read more

गैसलाइटिंग : मानसिक उत्पीड़न * – डॉ उर्मिला शर्मा 

हमें रोजमर्रा के जीवन में कभी- कभी या लगातार गैस लाइटिंग का शिकार होना पड़ता है जिसका हमें पता ही नहीं लगता। सर्वप्रथम ‘गैसलाइटिंग’ शब्द पैट्रिक हैमिल्टन के नाटक गैस लाइट (1938) से लिया गया है, जुसपर बाद में फ़िल्म भी बनी। इस सम्बंध में डॉ इशिता नागर कहती हैं -“गैस लाइटिंग एक प्रकार का … Read more

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