चाह या हसद – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सुकन्या के लिए एक रिश्ता आया था । घर भी अच्छा था लड़का भी एक सॉफ्टवेर कंपनी में अच्छें पद पर था । लेकिन सुकन्या ने इतने अच्छें रिश्ते के लिए एक दम से मना कर दिया । उसके पापा ने उसे समझाया कि बेटा इतने अच्छें रिश्ते रोज नहीं मिलते । कोई बात नहीं पापा ! शादी मैं उसी से करूँगी जो मुझे पसंद होगा । जब भैया अपनी पसंद से शादी कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं ?? यें बोल सुकन्या अंदर चली गयी और उसका भाई और पापा एक दूसरे को देख सोच रहे थे कि ये इसकी चाह है या हसद ?

अगले दिन सुकन्या अपने ऑफ़िस गयी । जहां उसे एक लड़के ने शादी के लिए प्रपोज़ किया । ये सब देख उसने हाँ कह दी । क्योंकि वो भी नमन को पसंद करती थी । दोनो बस एक दूसरे को कुछ महीनो से ही जानते थे । लेकिन दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी । कुछ दिनों बाद नमन के कहने पर सुकन्या ने अपने परिवार से बात की और नमन को अपने घर बुलाया । अगलें दिन नमन अच्छें से तैयार हों हाथ में उपहार लिए सुकन्या के घर पहुँचा । जहां उसकी अच्छें से मेहमान नवाज़ी की गयी । सुकन्या के पापा ने नमन से पूछा बेटा ! तुम्हारे घर में कौन कौन है ??

सर मेरे माँ – पापा और दो बहनें हैं ।

अच्छा , उन्हें पता है सुकन्या के बारे में !

नमन माथे से पसीना पूछते हुए बोला नहीं सर ! पर मैं जल्द ही बात करूँगा ।

सुकन्या के भाई ने पूछा अगर वो शादी के लिए नहीं माने तो ?

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सर वो मान जाएगे !

मान लो अगर वों ना माने तो फिर क्या ???

नमन बहुत देर ख़ामोश रहा और बोला सर मान गए तो ठीक ! नही तो शादी उनके बिना भी हों सकती हैं ।

उसका जवाब सुन सब चुप हो गए और सुकन्या की ओर देखने लगे ।

नमन के जाने के बाद पापा और भाई ने सुकन्या को शादी करने के लिए मना कर दिया ।

क्यों पापा क्या हुआ ??

बेटी लड़का ठीक नहीं है ! जो अपने माँ बाप की मर्जी को कोई महत्व नहीं देता । तों तुम्हें क्या देगा !

ऐसा कुछ नहीं है पापा ! भाई ने भी तो अपनी पसंद से शादी की थी …..

तभी उसका भाई बोला छोटी मैंने अपनी पसंद से शादी की थी पर सबकी सहमती से । तुम्हारी भाभी से मैंने शादी प्यार की वजह से नहीं बल्कि उसका व्यवहार उसकी शालीनता देख कर की थीं । छोटी पापा जो कह रहे है उस बात को समझो ! पता नहीं क्यों ? तुम मुझ से इतनी जलन करती हो ।

हाँ करती हूँ और क्यों ना हों । बचपन से लेकर आज तक हर चीज पहले आपको मिलती या पहले आपसे पूछा जाता है बाद में मुझसे ! मुझें हर बात में टोका जाता , जो आज़ादी आपको मिलीं वो मुझें क्यों नहीं ?

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इसमें जलन की क्या बात है बेटा यें तुम्हारा बड़ा भाई है । तुमसे बड़ा जो इस दुनिया में पहले आया तो पहले हर चीज उसे ही मिलीं । बचपन में जब तुम चुप नहीं होती थी रोती रहती थी तो इस भाई ने ना जाने कितनी बार तुम्हें चुप कराने के लिए लोरी गायी है । जब तुम आठ साल की थी तो तुम्हें बहुत तेज बुख़ार हो गया था । तब यही भाई तुम्हारे सिरहाने बैठ ठंडे पानी की पट्टी रखता था । जब तक तुम ठीक नहीं हो गयी तब तक यें हिला नहीं । एक माँ से बढ़ कर ध्यान रखा है प्यार दिया है तुम्हारे इस भाई ने ! और तुम इससे जलन करती हो क्यों ??

पागल लड़की ये ठीक नही है ? इसके बाद वो अपने कमरें में चले गए ।

कुछ देर बाद सुकन्या भी अपने कमरें में जा गहरे विचार विमर्श में खो गयी । पापा सही कह रहे थे भाई ने मेरे लिए बहुत किया है और आज भी करते है ।मैं उनकी बात को मना कर दू पर वों मेरे किसी काम को मना नहीं करते । तों फिर किस बात की जलन है ??? जलन है भी या बस ऐसे ही जिद्द है । जो उन्हें मिला वो मुझें नहीं मिला बस इस बात पे …….

तभी उसका भाई उसके कमरें में आता है और हाथ जोड़ कहता है मुझे माफ कर दो छोटी अगर तुम्हें मेरी किसी बात से कोई दुःख पहुँचा हों । तुम्हें नमन से शादी करनी है तो मैं तैयार हूँ । जब करनी हों बस अपने इस भाई को बोल देना । अपने भाई को देख वो उसके पैरों में झुक गयी और बोली भाई आप ऐसे हाथ ना जोड़ें । गलती मेरी है मुझे माफ कर दो । ना जाने कौन सी हसद में आप से दूर हो गयी और आपको अपना दुश्मन मानने लगी । दोनों के सब गिले शिकवे दूर हो गए । अगली सुबह दोनो बहन भाई को साथ देख सब खुश थे । तभी नाश्ते की मेज़ पे सुकन्या ने ऐलान किया कि सुनो सुनो ! आज की ताज़ा खबर यें है कि मैं नमन से शादी नहीं कर रही ।

क्या कह रही हो सुकन्या ??

जीं आप सही सुन रहें हैं । आप सबको जो लड़का पसंद होगा मैं उसी से शादी करूँगी । आप सब ठीक कह रहे थे शादी जीवन भर का बंधन है । ऐसे फ़ैसले जल्दबाजी में नहीं किए जातें ।

लेकिन नमन से तो तुम प्यार करती हो !

नही ! पर शायद वो करता है । मैं उसे कल जाकर माफी माँग लूँगी ।

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उसके भाई ने पूछा तो फिर तुम उससे शादी के लिए तैयार क्यों हुई थी ? मैं आपकी तरह शादी करना चाहती थी इसलिए यें सब कर बैठी । मुझें माफ कर दीजिए मुझें पता है मैंने आप सबका बहुत दिल दुखाया है ,पर अब आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा ।

अगलें दिन ऑफ़िस जाकर सुकन्या ने नमन से बात करनी चाही , पर वो हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी । जब नमन फ्री होकर उसके पास आया और बोला चाय पीनी है तो सुकन्या ने बोला नहीं ! मैं तुमसें शादी नहीं कर सकती ।

क्या कह रही हो सुकन्या ??

मुझें पता है मैं पागल हूँ और सच कहूँ तो मैं तुम्हारे लायक़ नहीं हूँ । तुम बहुत अच्छे हो पर मैं शादी नहीं कर सकती ।

ये सब सुन नमन ने सुकन्या की तरफ देखा और प्यार से बोला कोई बात नहीं । अब ये बात यहीं खत्म होती हैं । शायद शादी हमारा योग नहीं है , बस हम अच्छें दोस्त बनकर रह सकते है । बात आयी गयी हो गयी अब सब ठीक है ऑफ़िस में भी और घर पर भी । कुछ दिन बाद सुकन्या को पता चला की नमन को मेरी बात से इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उसके माँ-बाप ने शादी के लिए मना कर दिया था और धमकी दी अगर बात नही मानी तो सब जायदाद से हाथ धोना पड़ेगा । घर जाकर जब ये बात सुकन्या ने अपने भाई को बताई तो वो बहुत हंसे और बोले छोटी यें थी तुम्हारी पसंद ? आज सुकन्या खुश है क्योंकि जलन की जगह प्यार आ गया है । ख़ुशियों का नया मौसम नई बहार आ गई है ।

#जलन

स्वरचित रचना

स्नेह ज्योति

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