गला काटना – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आँखें बंद कर बिस्तर पर औंधी लेटी शीला बहुत देर तक सोचती रही।आज की आँखों देखी घटना से वह हतप्रभ थी।उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी छोटी बहन मीना को दोषी माने या अपने पति अनिल को!जिस पति पर वह आँख मूँदकर भरोसा करती थी, जिस बहन को अपनी जान से ज्यादा … Read more

सहायिका – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

सीमा जी अपने पति राघव जी के साथ दिल्ली में रहती थी। उनका एक पुश्तैनी घर उज्जैन में भी था। साल भर में एक-दो बार घर की देखभाल और स्थान परिवर्तन के मद्देनजर नजर वे लोग उज्जैन आया करते थे। बहुत दिनों से घर बंद होने के कारण घर में गंदगी बहुत हो जाती थी। … Read more

ईश्वर दृष्टि – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 आधुनिक व्यापारिक गुर सिखाते हुए शांतिशरण अपने पुत्र  हेमंत के साथ हरिद्वार पहुँचे।हर की पौड़ी पर भरपूर गंगा स्नान के बाद वही सामने मोहन पूरी वाले के यहां बाप बेटे हलवा पूरी का नाश्ता करने पहुँचे।पहले बेटा हेमंत ने आगे बढ़कर हलवा पूरी ली और एक ओर खड़ा होकर खाने लगा।उसके बाद में पिता शांतिशरण … Read more

झूठा-सच – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

माधवी होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। कंप्यूटर साइंस के मास्टर डिग्री का फाइनल इयर चल रहा था।बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी,तो रमा जी(मां)और शंकर जी(पिता )ने उसे बाहर रहकर पढ़ने की आजादी दी थी।वैसे इससे पहले उनके खानदान की कोई भी बेटी घर से बाहर पढ़ने नहीं गई थी,पर रमा … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

संजना जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हैं , और बहुत सुन्दर है।  संजना को बचपन से अपने गोरे रंग, ऊँचे क़द , लम्बे घने काले बाल और गहरी झील सी आँखों पर नाज़ रहा है।  संजना की खूबसूरती देखते ही बनती थी। संजना हर वक़्त अपनी खूबसूरती को निहारती रहती थी ,उसे सारा … Read more

सॉफ्ट टारगेट – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

विद्यासागर जी पुराने जमीदार थे।कभी उनकी तूती बोलती थी।शान शौकत तो थी ही,साथ ही विद्यासागर जी का रूवाब बेइंतिहा था।जिधर से निकल जाते थे,उधर ही उनकी रियाया सर झुका कर खड़ी हो जाती।इतना होने पर भी विद्यासागर जी रहम दिल थे,अपनी रियाया के प्रति हमदर्दी रखते थे। जमीदारी उन्मूलन के बाद सब रुतबा खत्म,बस मजदूरी … Read more

मां तुम बेस्ट हो!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

क्या मां आज नारियल वाली चटनी एकदम खराब बनाई थी आपने …..अपनी सहेलियों के जाते ही मोना मां के ऊपर खीज पड़ी और ये इतनी मुसी मुसी सी साड़ी आपकी..!! जानती हो मेरी सहेली नीरा कह रही थी कि तुम्हारी मां से ज्यादा ढंग से तो  मेड रहती हैं…..! मां खामोश थी..उसकी आंखें पनियाली हो … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

मातृ-दिवस के अवसर पर साहिल की आँखों से झर-झर आँसू गिर रहें हैं। साहिल अपने माता-पिता की तस्वीर को सीने से लगाए कोरोना महामारी की भयावह त्रासदी को याद कर रहा है। पूरे विश्व में अप्रत्याशित रुप से कोरोना महामारी फैल चुकी थी।विश्व  भर में इस तरह की महामारी के बारे में कोई आशंका नहीं … Read more

सोच से लड़ाई – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मनीष बीस साल होने जा रहे है हमारी शादी को…ज़रूरी है माँ को गड़े मुर्दे उखाड़ना….पहली बार में ही मैं समझ गई थी कि बड़ी भाभी से माँ की बहुत बनती है…आपके पिताजी के देहान्त के बाद बड़े भैया भाभी ने पूरे घर को बहुत अच्छे से सँभाल लिया…अपने से छोटे दोनों भाई बहन … Read more

गड़े मुर्दें उखाड़ना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

उमेश जी और विनीता जी पति-पत्नी में माँ को लेकर एक बार फिर  से लड़ाई हो रही है। उमेश जी -” विनीता! माँ की तबीयत खराब  है।मैं कल माँ को लेने  गाँव जा रहा हूँ।” विनीता जी तमकते हुए-” देखो जी!अब मैं भी कोई  नई-नवेली दुल्हन  नहीं रही कि आपकी और आपकी माँ की कटु … Read more

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