दृष्टिहीन – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

चल मृदुला उठ कुछ खा पी ले …दो दिन हो गये .. आखिर कब तक यूँ ही रोती और शोक मनाती रहेगी।  कैसे सब्र करूँ सुचेता साल भर के अंदर एक- एक कर चारों बेटे भगवान् को प्यारे हो गये।मेरी एक न सुनी किसी ने.. अरे मैं तो दृष्टिहीन थी पर हर काम सुचारु रूप … Read more

आठ-आठ आँसू रोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

पूनम जल्दी-जल्दी अपने हाथ चला रही है।आज सुबह उसे उठने में देरी हो गई। घर की सफाई के बाद उसे रसोई में सास-ससुर,जेठ-जेठानी और उनके बच्चों के लिए खाना भी बनाना है,फिर नौकरी के लिए  बैंक भी जाना है। बैंक से आकर रात में सभी के लिए  खाना बनाना।पूनम की रोज की यही दिनचर्या है। … Read more

माँ का रूप – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह की भोर थी …सब लोग मनु को ढूँढ रहे थे । घर का हर एक कोना ,आस-पड़ोस सब जगह देख लिया पर उसका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था । वीणा जो इस घर में मनु की नयी माँ बनकर आयी थी । वो बोली “उसके दोस्तों से भी पूछो ! वो बिना … Read more

इस अपराध की कोई माफ़ी नहीं ……..। – डॉ.विभा कुमारिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

देखो बेटा , अब तुम्हारी कोई बात मुझे नहीं सुननी है , तुम ऐसा ही समझ लो। तुम अब निकलो यहां से । सागर सिंह ने सीधे-सीधे अपने दामाद अमन से कह दिया। पर , पर , पापा जी हमारी रिजर्वेशन तो परसों की है, मतलब परसों शाम को हम दोनों जाएंगे । क्या आपको … Read more

डूब मरना – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 नमिता के सीधे सादे पहनावे और कम शिक्षा का, सोसाइटी की महिलाये खूब मज़ाक उड़ाती, कोई बहन जी तो कोई बुद्धू कहती, नमिता सब कुछ समझती लेकिन कोई जवाब ना देती, आये दिन अपमान का गरल पीती..!! सोसाइटी में आये दिन कभी किटी पार्टी तो कभी पिकनिक होती रहती, पंद्रह अगस्त की तैयारी चल रही … Read more

कौन अपना कौन पराया – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

यश शिवांगी से आए दिन लड़ता रहता था । उनकी शादी को दो साल हो गए थे । लेकिन यश ने कभी भी अपनी पत्नी की कद्र नहीं की । इसलिए वो शिवांगी को छोड़ किसी और से रिश्ता जोड़ बैठा । यश की हरकतों से तंग आ उसके माँ – बाप ने तो उससे … Read more

डूब मरना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

बेटे भूषण की करतूत के कारण ठाकुर  सुरेश सिंह के उजियारे जीवन को दुख के बादलों ने पूरी तरह ढ़क लिया।उनके पूर्वजों की त्याग,तपस्या पलभर में जलकर खाक हो गई। सारी इज्जत, मर्यादा मिट्टी में मिल गई। बेटे का भविष्य सुधरने की बजाय बदनामी के गर्त में डूब गया।बड़े अरमानों से उन्होंने बेटे का नाम … Read more

कलंक – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुरेश जी बहुत खुश दिखाई दे रहे थे !आखिर खुशी की बात भी थी!  उनके इकलौते पुत्र राघव ने इस बार आठवीं कक्षा  द्वितीय श्रेणी में पास की थी! कई सालों बाद आज यह खुशी का दिन आया था ! राघव के मना करने के बावजूद सुरेश जी ने शाम को अपने सभी परिचितों … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“साहब!मेरे बच्चे की मदद करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है” हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था! महेश जी ने वादा किया कि … Read more

भटकाव – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ इमरती क्या बात है तू इतना खोई खोई क्यों है… और तेरी रानी किधर है ससुराल से तो आ गई है ना फिर हमसे मिलने क्यों नहीं आई?” कल्याणी जी ने काम करती इमरती से पूछा  “ क्या कहें माँ जी हमारे तो करम ही फूट गए जो ऐसी बेटी जनी…जा कर कहीं डूब … Read more

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