दिल पर चोट – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 सुखिया और उसका पुत्र दीनू रजनीश बाबू के यहाँ काम करते थे। सुखिया को इस घर पर काम करते हुए लगभग बीस साल हो गए थे। रजनीश बाबू के दो बेटे थे, जिनकी शादी हो गई थी। सुखिया सुबह ठीक आठ बजे आ जाती थी,और रात को आठ बजे घर जाती थी, जब दीनू छोटा … Read more

मोबाइल है स्वप्निल दुनियाँ – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

झलक गेहूंए रंग की साधारण नाक-नक्श वाली लड़की है। बचपन से ही उसे अपने रूप रंग को लेकर कांपलेक्स रहता। वह अपनी सहेलियों की तुलना में स्वयं को कमतर आंकती। पढ़ाई लिखाई में साधारण झलक सदैव खोई-खोई सी रहती थी। दसवीं की परीक्षा देने के बाद उसके हाथ में अपना पर्सनल मोबाइल आ गया। आधुनिक … Read more

शहर भ्रमण – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जल्दी जल्दी हाथ चलाओ आज हमारे जज साहब के बाबू जी आ रहें हैं । कहीं भी कोई गंदगी ना हो और सब चीजें अपनी जगह पर सुव्यवस्थित तरीके से हो । क्यों मधु बाबू वो कोई आर्मी में थे ?? नहीं , वो एक रिटायर अध्यापक है । लेकिन उन्हें गंदगी और समान का … Read more

दस्तक दूरियों की – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अभी अभी जो कुछ अवनी ने अपनी भाभी के मुँह से सुना उससे उसका जी खट्टा हो गया ….क्या सोच कर वो मायके आई थी और यहाँ वो उसकी भाभी के लिए बोझ बन रही थी… आख़िर उसे रहना ही कितने दिन था मायके में…बमुश्किल एक सप्ताह भी तो नहीं … पर आज तो दूसरा … Read more

सबक जिंदगी का! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

 रिद्धि की विवाह के समय की बात है…  उसके स्वयं के विवाह में सगाई में इतनी खराब साड़ियां आई थी कि सब देख कर कहा उठे थे इससे अच्छी साड़ियां तो तुम्हारी ननदें पहन कर आई हैं,और होने वाली  बहू के लिए इतनी देहाती जैसे कपड़े लाए हैं?  मगर रिद्धि की मां,… वो  तो उदार … Read more

*नसीहत* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

किशोर कक्षा दसवीं का छात्र था। वह धनवान माता पिता की इकलौती संतान, पढ़ने लिखने में होशियार, एक अच्छा खिलाड़ी था। मगर उसमें एक बुराई थी, स्कूल में कोई भी गतिविधि होती तो वह अपनी टॉंग अड़ाए बिना नहीं रहता, उसे कोई काम करना नहीं रहता। वह बस सब कार्य के बीच टांग अड़ा कर … Read more

बात में दम तो है – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

श्रुति कालेज से लौटी तो पता चला लड़के वाले आ चुके थे। मम्मी -पापा  उनकी खातिरदारी का काम अकेले ही संभाल रहे थे। भाभी कमरे में बंद थी… जानबूझकर.. हां उनका व्यवहार कुछ ऐसा ही था, परिवार में कोई भी काम पड़े,कमरा बंद करके पड़ी रहती थी।    मम्मी कहती थी कि पहले बेटे का ब्याह … Read more

टांग अड़ाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

हॉल में सजे मेडलों को देखकर लालाराम जी बोल उठे..अरे सुहानी! ये तुम्हारे दौड़ में मिले मेडलों से क्य़ा फायदा , तुम पी. टी ऊषा तो बनने वाली हो नहीं फिर क्य़ों  दौड़ भाग के चक्कर में पड़ी हो.. अरे शेखर! खिलाड़ी बनाने में क्यों बेटी का समय बर्बाद कर रहे हो। थोड़ी देर बाद … Read more

टांग अड़ाना – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

श sssss कोई है रचना अभी किचन का काम समेट कर खाना खाने बैठती ही जा रही थी कि अनजान नम्बर से आये कॉल ने उसका ध्यान आकर्षित किया। वैभव आराम से न्यूज़ देख रहे थे।  अब इस समय कौन टपक पड़ा… चैन से खाना भी नहीं खा सकते।  हैलो आप संजना की माँ बोल … Read more

सही सलाह – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 रजत और दिवाकर दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। दोनों बहुत ही सम्पन्न परिवार के थे। उन्हें पैसो की कोई कमी नहीं थी, मौज मस्ती से जीते थे, दोनों की पढ़ाई में बिल्कुल रूचि नहीं थी। इनकी कक्षा में पढ़ने वाला मदन बहुत गरीब था, मगर पढ़ाई में बहुत होशियार था। वह मन लगाकर … Read more

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