बड़ी दीदी – पूनम अरोड़ा : Top 10 moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  माता पिता बचपन में ही चल बसे थे मीनू के।पहले बड़ी दीदी थी जिन्होंने उसकी परवरिश की और फिर उनकी शादी से पहले ही भाभी आ गई घर में, उनके ही सानिध्य में बड़ी हुई वह इसलिए ही वह उनके ज्यादा निकट थी। वह शुरू से ही पढ़ने में मेधावी तो थी ही और साथ साथ भाभी के साथ भी घर का पूरा काम कराती जिससे वो भी उससे खुश रहतीं ।पढ़ लिख कर मीनू को उसी काॅलेज में लेक्चरार की जाॅब भी मिल गई ,हर महीने मोटी सैलरी आती घर में, वो अपना हाथ खर्च रखकर बाकी सब भाभी को पकड़ा देती । घर के हालात बदल रहे थे क्योंकि भाई की तो बस गुजारे लायक ही थी तनख्वाह । घर का नवीनीकरण , फर्नीचर ,रहन सहन ,खान पान ,स्टेटस में बदलाव आने लगे उसकी सैलरी की बदौलत ।इतनी अच्छी पोस्ट और सैलरी के बावजूद वो घर के कामों मे भी अपना पूरा योगदान देती इसलिए भाभी भी खुश रहती उससे ।एक दिन मीनू ने बताया कि उसके साथ काॅलेज में साथ पहले पढ़ने वाले रोहित ने उसे प्रपोज किया है ।वह भी उसे लाइक करती है। वह बिहार का रहने वाला है , यहाँ पढ़ने के लिए आया था ,अब उसकी जाॅब भी लग गई है बंगलौर में।अगले हफ्ते ज्वाइन करना है ।जाने से पहले वो हमारे रिश्ते को नाम देना चाहता है ।भाभी आप उससे बात कर लेना । यह उसका नं है

ऐसा कहकर शर्मा कर चली गई ।

बात करने के बाद भाभी ने उसे बताया कि वो तो शादी के लिए राजी नहीं है तो सुनकर वह सन्न रह गई ।उसने फोन लगाया तो फोन बन्द आ रहा था रोहित का ,बाकी कोई नं उसे पता नहीं था ना ही घर का एड्रैस ।समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्या हुआ किससे पूछे?धीरे धीरे समय बीतता गया ।रिश्ते आते लेकिन पता नहीं कहीं “हाँ” नहीं होती ।सब हैरान थे आखिर क्या कमी है मीनू में सुन्दर ,सुशील ,कमाऊ ,कुशल फिर क्यों 32 साल की उम्र तक अविवाहित है ?औरों की तो छोडो खुद मीनू को भी समझ नहीं आता कि उसमें क्या कमी है ?धीरे धीरे वो इन्फिरअरिटी काम्पलैक्स का शिकार होती जा रही थी।

उस दिन एक सहयोगी टीचर के साथ शाॅपिग माल गई तो रोहित को पत्नी बच्चों के साथ अचानक देख कर अवाक रह गई । रोहित उसे देख कर पास आया और बोला” कैसी हो”? उसने गुस्से से मुँह फेर लिया तो वह बोला “गुस्सा तुम किसलिए हो , गुस्सा तो मुझे होना चाहिए जो तुमने मुझे धोखे में रखा ।वो तो तुम्हारी भाभी ने सब सच बता दिया कि तुम कभी माँ नहीं बन सकती, यह बात सोच कर शादी करना । तो क्या करता मैं?तुमसे शादी करके अपने खुद की संतान सुख से वंचित रहता ?”

मीनू पर तो जैसे गाज गिर पडी !!!!भाभी !!जिसे उसने अपना सबसे अच्छा दोस्त माना ,माँ की तरह मान सम्मान दिया ,उन्होंनें मेरी सैलरी के लालच में मेरे साथ विश्वासघात किया ।सच में आज तक जिसे वो बाजूबंद समझती रही वो तो आस्तीन का साँप निकली।

#आस्तीन का साँप

पूनम अरोड़ा

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