बिटिया का घर बसने दो – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   “ हैलो, क्या कर रही है मेरी लाडो”, संध्या ने बेटी मीतू का फोन मिलाकर बड़े प्यार से पूछा।     “ मोम, सुबह सुबह किचन में हज़ारो काम होते हैं, दोनों बच्चों के, सुधांशु का टिफन पैक करना और साथ में पिताजी को दुकान पर भेजना, देवर को कालिज जाना होता है, और कल से तो … Read more

रिश्तों की गरिमा – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

पूरी रात बीत गई थी मिलन को हस्पताल के बरामदे में चहलकदमी करते हुए, नर्स ने कई बार आते जाते उसे बैठने को भी कहा, और आशवासन भी दिया कि घबराने की कोई बात नहीं, सब ठीक है, आप आराम से बैठिए। मगर मिलन को चैन कहां। उसका बस चलता तो सुरभि के पास बैठा … Read more

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