भाग्यशाली से भाग्यहीन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
जबलपुर में रहते हुए मुझे चार महीने हो रहे थे, इस बीच आसपास रहने वालों से मेरी अच्छी-खासी पहचान भी हो गई थी।उन सबके घर भी आना-जाना हुआ।उसी मोहल्ले में एक बड़ी कोठी भी थी जिसकी बनावट तो पुरानी थी लेकिन साज-सजावट ऐसी कि बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर ले। मैंने … Read more