अधिकार संग कर्तव्य का संगम – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कहाँ जा रही हो गरिमा ?? ये सुन वो चौंक गई !! कहीं नहीं दादा जी , बस अपनी सहेली मीना के पास । अच्छा ! तुम्हें लगता है , मैं बूढ़ा हो गया हूँ ! तो इस घर में मेरी कोई हैसियत नहीं है । ये मत भूलो मैं … Read more

नाम डुबोना – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

जोया और अर्सलान के निकाह को हुए कुछ ही समय हुआ था । लेकिन अर्सलान का देर से आना ,जोया को समय ना देना । ये सब बाते जोया को मजीद तकलीफ़ देने लगी । एक दिन जोया ने पूछ ही लिया । क्या बात हैं अर्सलान ?? तुम मुझसे इतने खिचे-खिचे क्यों रहते हो … Read more

एक ही डोर में पिरे दो मोती – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : बारिश का मौसम था ,ख़ुशी का मौक़ा था इसलिए लक्ष्य मिठाई के साथ पकोड़े लिए घर जा रहा था । अगर ख़ुशी को मापने का कोई पैमाना होता तो वो आज छलक रहा होता । क्योंकि आज लक्ष्य को आख़िर कार एक अच्छें पब्लिकेशन हाउस में काम करने का मौक़ा … Read more

दाग अच्छे हैं – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

रणजीत जी मेहूल कुर्सी ढंग से लगाना और खाने का इंतज़ाम अच्छे से करना । अपनी बीवी को बोलना जरा अपने ग़ुस्से पे पकड़ बना के रखे । बहुत समय बाद मेरी बेटी के लिए कोई रिश्ता आया है । ख़ाना पीना सब अच्छे से होना चाहिए । सुनो जी ! बाबू जी तो ऐसे … Read more

पुरुषत्व – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

जनरल बलबीर सिंह के घर बहुत सालों के बाद एक बेटी ने जन्म लिया । कहने को उनका एक बेटा भी हैं पर बलबीर को हमेशा से एक बेटी की चाह थी । क्योंकि उसकी कोई बहन नही थी वो दो भाई ही थे । बचपन में उसे बड़ा चाव था कि मेरी कोई छोटी … Read more

घमंड हुआ चकनाचूर – स्नेह ज्योति : moral stories in hindi

आज कल्पना अपनी स्कूल की दोस्त बानी से बारह वर्ष उपरांत मिल रही थी । उसका इंतज़ार करते करते कल्पना को अपने पुराने दिन याद आ गए । कैसे हम स्कूल में शैतानियां किया करते थे और बानी उसे आकर हर बार मुसीबत से बचा लिया करती थी । कभी वो बहुत अच्छे दोस्त हुआ … Read more

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