दंभ के घेरे… – शिप्पी नारंग  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हीथ्रो एयरपोर्ट पर बैठा मैं सोच रहा था कब फ्लाइट में बैंठू और अपने घर पहुंचूं।  मेरा घर, मेरा प्यारा आशियाना जिसकी अहमियत मुझे इन 6 महीनों में हो चुकी थी।  मैं गुलशन सूरी ,..एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर.. एक आजाद पंछी जिसे कोई रोक-टोक,  कोई बंदिश पसंद … Read more

सबक – शिप्पी नारंग: Moral Stories in Hindi

“पापा जी जैसे कल बात हुई थी, पेपर तैयार हो गए हैं आप साइन अभी करेंगे या फिर बाद में ” शुभ्रा ने अपने ससुर सूरज जी से पूछा जो नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे साथ में शुभ्रा के पति मोहित और सासू मां वेदिका सरीन भी बैठी थी । “अच्छा तैयार … Read more

अहमियत – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “रोशनी”… आवाज आई और सिलाई मशीन पर झुकी रोशनी ने सिर उठाकर सामने देखा उसकी दोनों ननदें.. राखी और शशि खड़ी थी । रोशनी ने उठकर दोनों के पांव छू लिए और उन्हें बैठा कर पानी लेने चली गई । अभी उसकी सासू मां, कृष्णा भी काम से आने वाली … Read more

बदलाव – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे कहां भागा जा रहा है आ गया आयागिरी करके” मदन जी ने अपने दोस्त कैलाश जी को अपनी बालकनी से आवाज दी । कैलाश जी ने सिर उठा कर ऊपर देखा और हंस कर बोले ” हां भई कर आया आयागीरी, तेरी जैसी किस्मत कहां ।” पर आज तो … Read more

समर्पण का सुख – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: पार्किंग में कार पार्क कर मैं लॉन की तरफ बढ़ा। चारों तरफ रंगीन झालरें जगमगाहट पैदा कर रही थीं। लॉन में चारों तरफ से इत्र की भीनी भीनी महक आ रही थी। रफी साहब के पुराने रोमांटिक गाने, अक्टूबर की ठंडक का एहसास दिलाता वातावरण, गिलासों की खनक, हवा में तैरती … Read more

कर्तव्य – शिप्पी नारंग : Hindi Stories

Hindi Stories : डॉ अस्थाना के चैंबर  में समीर घुसा ही था कि डॉ साहब की आवाज़ आई “आओ आओ समीर मैं तुम्हे फोन करने ही वाला था…” “वो डॉ साहब डेट के बारे में…” समीर की बात को काटते हुए डॉ अस्थाना बोले” हां भई वो डेट तो फाइनल ही है। मंगलवार, 7 तारीख … Read more

छुईमुई – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रंजना जी पार्क के पेंच पर चुपचाप बैठी हुई विचारों में खोई हुई थी । सुबह सुबह का समय था मौसम खुशगवार था कुछ लोग बातें कर रहे थे, कुछ योग कर रहे थे, कुछ सैर कर रहे थे और कुछ बुजुर्ग बैठे हुए अपने जमाने को याद कर रहे … Read more

हंसते ज़ख्म – शिप्पी नारंग : Short Stories in Hindi

 गर्मी के मारे गला सूख रहा था इधर उधर नजर दौड़ाई तो एक रेस्टोरेंट नजर आया और मैं लपक कर घुसी और एक जगह खाली पाकर बैठ गई और फिर याद आया सुबह से कुछ खाया नहीं है तो एक नींबू पानी और सैंडविच का ऑर्डर देकर अपना मोबाइल चेक करने लगी तभी एक खुशबू … Read more

विश्वासघात – शिप्पी नारंग : Emotional Hindi Stories

72 वर्षीय नवीन जी फटी फटी आंखों से अपने सामने बड़ा सा चाकू लहराते हुए अपने नौकर अशोक को देख रहे थे जो अपने साथी पवन, जो नवीन जी की 70 वर्षीय पत्नी निर्मला जी को पकड़ कर खड़ा था । नवीन जी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि 3 साल से उनका … Read more

वक्त बदलता है – शिप्पी नारंग : moral stories in hindi

नीता को लगा कि अभी उसके दिल की धड़कन रुक जाएगी और वह मर ही जाएगी ..पर ऐसा होता है क्या भला…? वक्त कैसे रुख  बदल देता है यह शायद उसे पता ना था वरना वह ऐसा करती ही ना, पर अब अनहोनी तो हो ही गई ना उसकी नजर में ।  नीता को लग … Read more

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