डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -7)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

चर्चा एक और आशिक की … ‘ रोहित ‘  नैना की की सहेली निभा का पड़ोसी था। ‘ निभा ‘  ने  एक दिन उससे कहा , ” रोहित तुम्हें बहुत चाहता है “ ” हां!  सच में क्या ? ” यह पहली दफा था। जब नैना ने अपने लिए भाया मीडिया ऐसी बातें सुनी थीं। … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -6)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

अचानक उसकी सहज बाल सुलभ दिनचर्या में एक तीखा मोड़ आने लगा था। उन दोनों बहनों के स्वभाव में जमीन आसमान का फर्क है। नैना सयानी होने को आई है पर उसका रवैया बड़ा ही उलझा रहता है। लेकिन उसके स्वभाव में कुछ खूबियां भी हैं जो उस उम्र की लड़कियों में थोड़ी कम ही … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -5)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

नैना के पिता  जिला सचिवालय में तृतीय श्रेणी के कर्मचारी थे। कानपुर की संकरी , उबड़खाबड़ और खुली नालियों वाली गली में उनका पुश्तैनी पक्के का मकान था। उनकी अपनी दो बेटियां हैं जिनमें बड़ी बेटी  १) ‌‌’ जया ‘  थोड़ी सांवली और तीखे नाक नक्शे वाली वह घर के कामकाज में मां की सहायता … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -4)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

— नैना उस दिन श्रेया दी से अपने संभावित दूल्हे के वर्णन सुनकर नैना का दिल कांप गया था। जया ने शोभित से फिर कभी दोबारा नहीं मिलने की शर्त पर उसे घर बुलाने वाली बात घर में सबसे छिपा ली थी।  पर उनके साथ नैना भी जानती है। कि वो अधिक दिनों तक शर्त … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -3)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

सुशोभित नैना के घर से लौटते समय उसके और उसकी दीदी के आज वाले व्यवहार के संबंध में सोचता रहा , और सोचते – सोचते कभी विस्मित, कभी पुलकित होता रहा। नैना … उस दिन कितने मन से सुशोभित को अपने घर बुलाया था वह आ भी गया था । बेचारा … लगता है ‘प्रेम’ … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग 2)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

हम अक्सर शाम को मिलते और रास्तों पर अनवरत बातें करते हुए चलते रहते। उन्हीं दिनों में एक दिन चलते हुए उसने अचानक रुक कर कहा — आज तुम मेरे घर चलो ,घर पर कोई नहीं है सब मौसी के यहां शादी में गए हुए हैं। रात का खाना भी तुम मेरे यहां ही खा … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग 1)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

मैं नैना से सबसे पहले मिस रोहतगी के डांस स्कूल में मिला था। अगस्त का महीना था जिसमें बारिश अगर तेज हो जाए तो वक्त अच्छे से गुजर जाता है। लेकिन अगर थोड़ी सी बूंदाबांदी हो कर रुक जाए तो अगस्त महीने में जो उमस होती है। उसे झेलना वाकई बहुत मुश्किल होता है। कोरोना … Read more

बेबी चांदनी (भाग 7) – सीमा वर्मा

‘ आज मम्मी की रिपोर्ट आने वाली है। कहीं … यह असमय की बीमारी भगवान् ना करे उनके शरीर से लेकर मन तक फैल ना  जाए ? ‘ यह सोचती चांदनी बेचैन हो रही है। इस वक्त सुबह के ग्यारह बज रहे हैं। कटता हुआ एक -एक क्षण उसे एक युग के समान लग रहा … Read more

बेबी चांदनी (भाग 6) – सीमा वर्मा

मम्मी को थपकियाँ देकर सुलाने के साथ ही चांदनी भी सो गई थी। अगले दिन सुबह तड़के ही उसकी नींद खुली थी। उसे थोड़ी देर के लिए बैंक के काम से निकलना था फिर अस्पताल जा कर बड़े डॉक्टर साहब से माँ के बावत बात भी करनी है। बस कल ही बम्बई से माँ की … Read more

बेबी चांदनी (भाग 5) – सीमा वर्मा

चांदनी को पेटिंग थमाते वक्त ही चित्रा ने नोटिस कर लिया था। चांदनी असहज हो गयी है। लेकिन टोकना सही नहीं जान कर चुपचाप ही रही। परंतु इस एकांत में चांदनी की अपनी ममा से इस तरह की बातें और फिर उसका लड़खड़ाना चित्रा को स्वाभाविक नहीं लगा। उसने चांदनी को थाम कर गिरने से … Read more

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