छोटी सोच –  सविता गोयल  : Moral Stories in Hindi

a cinematic cartoon style illustration of a 70 yea jxi2LbRdQn gxf1yklo3nw R cgU5q9TNm ABhYeHG97Q

Moral Stories in Hindi : राधीका कोई पंद्रह साल की थी जब उसके पिता जी परिवार सहित गाँव छोड़ कर शहर में आ बसे थे। उसकी शादी भी शहर में ही एक बडे़ घराने में हो गई। लेकिन आज भी वो खुद को गाँव से जुड़ा हुआ महसूस करती थी। जब दस साल बाद राधिका … Read more

अब कैसी शिकायत? – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

best hindi story

Moral Stories in Hindi : ” बहू,  आज कहाँ जा रही हो ?? “ ” माँ जी, वो मुझे कुछ सामान लेना था इसलिए मार्केट जा रही हूँ। ” बोलकर रूही गाड़ी की चाबी घुमाते हुए घर से निकल गई।    वंदना जी मुंह देखती रह गई और पीछे से बड़बड़ाते हुए बोलीं, ” हुंह… ये … Read more

ये गंवार औरत हमारी मां है। – सविता गोयल : Moral stories in hindi

New Project 89

Moral stories in hindi  : ” सुनिए जी,.. .. वो मेरे बाऊजी अपनी वर्षा  के लिए कोई लड़का बता रहे थे। सकुचाते – सकुचाते सुभद्रा जी अपने पति कैलाशनाथ जी से बोलीं । ” तुम तो रहने ही दो… जैसे तुम्हारे माँ- बाप ने तुम जैसी गंवार औरत मेरे पल्ले बांध दी वैसा ही कोई … Read more

सास की बिमारी बहाना लगती है – सविता गोयल

New Project 44

” कहां रहती है रंजना आजकल!! कभी मिलती ही नहीं हो । ,, रंजना की सहेली मंजू ने सब्जियां लेते हुए रंजना से पूछा । रंजना भी जैसे उसके पूछने का हीं इंतजार कर रही थी , ” पूछ मत मंजू , सारा दिन इस घर में काम करने में ही निकल जाता है। ऊपर … Read more

वर्ना… वर्ना क्या कर लेंगीं आप?? – सविता गोयल

नीलम एक मध्यमवर्गीय परिवार की पढ़ी लिखी, सर्वगुण संपन्न लड़की थी। उसके पिता उसके लिए रिश्ता देख हीं रहे थे कि नीलम की बुआ एक बड़े घर का रिश्ता लेकर आ गई। देखने सुनने में सब अच्छा लगा तो नीलम के पापा ने नीलम की रजामंदी से उसका रिश्ता वहीं तय कर दिया।    नीलम भी … Read more

बेटी, तू भी तो यही चाहती थी ना!! – सविता गोयल 

New Project 47

”  वाह मां, ये साड़ी तो बहुत जंच रही है आप पर । कहां से लाई हो??” ” अरे बेटा, मैं कहां बाजार में जाती हूं .. पहले तू ला देती थी अब तेरी भाभी ला देती है। सच में बहुत अच्छी पसंद है उसकी। देख तेरे लिए भी दो साड़ियां ला कर रखी है … Read more

घर की मर्यादा – सविता गोयल

मिनाक्षी की शादी एक सम्पन्न परिवार में हुई थी। किसी चीज की कोई कमी नहीं थी ससुराल में| शहर में बहुत इज्जत और नाम था उसके ससुर जी का| घर में एक जेठ-जेठानी और एक कुंवारा देवर था जो बाहर पढ़ता था| मिनाक्षी की जेठानी बहुत ही सीधी-साधी सी थी, बस अपने काम से मतलब … Read more

अपना रवैया बदल लो मां नहीं तो परिवार बिखरते देर नहीं लगेगी –  सविता गोयल

शिवानी एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। पिता की कमाई भले हीं संयमित थी लेकिन कभी उसके माता पिता ने अपने बच्चों की ख्वाहिशों को नहीं मारा था…..  जब वो विवाह लायक हुई तो  रूप और गुण को देखते हुए कई बड़े बड़े घरों से उसके लिए रिश्ते आने शुरू हो गए थे । शिवानी के … Read more

error: Content is Copyright protected !!