हादसा – संगीता अग्रवाल  :Moral stories in hindi

” स्नेहा कहां हो तुम …स्नेहा …!” मयंक अपनी पत्नी को आवाज लगाता हुआ घर में दाखिल हुआ। ” लो तुम यहां बैठी जाने कहां गुम हो और मैं तुम्हे घर भर में ढूंढ रहा हूं !” मयंक पत्नी को बालकनी में गुमसुम बैठे देख बोला। ” आ गए आप … मैं चाय लाती हूं … Read more

मायका – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in hindi

नई नवेली दुल्हन मानसी शादी के दो हफ्ते बाद अपने मायके रहने आई , वो मायका जहाँ उसने जिंदगी के पच्चीस साल बिताये , वो मायका जहाँ उसका बचपन बसता है । मानसी कुछ पल को रुक कर भरी आँखों से पूरा घर देखने लगी । सच मे बेटी के लिए कितना मुश्किल होता है … Read more

परी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in hindi

“मालिक मुझे कुछ रुपए उधार चाहिएं!” रामू अपने गांव के सरपंच दामोदर के पास आ हाथ जोड़ कर बोला। ” अरे रामू तुझे ऐसी क्या जरूरत पड़ गई तू तो कभी उधार नहीं मांगता फिर आज ऐसा क्या हुआ ?” सरपंच ने आश्चर्य से पूछा। ” वो मालिक हमारी बिटिया है ना सलोनी वो कल … Read more

क्या बेटी होना गलत है ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ईश्वर की लीला देखिए एक के बाद एक तीन बेटियां आ गई एक बेटा दे देता इनमे से तो जीवन तो सफल हो जाता!” मानसी छोटी बेटी को दूध पिलाते हुए पति देवेश से बोली। ” क्यों चिंता करती है तू मानसी देखना हमारी बेटियां बेटों की तरह नाम … Read more

जीते जी माँ बाप को अतृप्त रखने वालों को उनके श्राद्ध का हक नही ( भाग 2)- संगीता अग्रवाल

” चलो पापा आप भी!” मानसी ने उठते हुए से कहा। ” अरे नहीं दीदी पापा को क्या परेशान करना वो यही खा लेंगे खाना आप चलिए!” नेहा बोली। ” पर भाभी…!”  ” पर वर कुछ नहीं दीदी अब इस उम्र मे पापा क्या बाहर तक आएंगे वो कमरे में ही खाते है खाना!” नेहा … Read more

आंटी से माँ तक का सफर – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “देखिये मीना जी हमें यूँ तो सिमरन बहुत पसंद है पर ..!” अपने बेटे के लिए लड़की देखने आई संध्या जी लड़की की माँ से बोली। ” पर क्या संध्या जी ?” मीना जी पति चेतन जी को देखते हुए बोली। ” पर मैं चाहती हूँ बात आगे बढ़ाने से … Read more

वक्त है बदलाव का ! – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  ” मम्मीजी इस बार तो मिट्ठू की पहली लोहडी है !” सिमरन अपनी सास जीतो जी से बोली। ” हां तो !” टीवी देखती हुई उसकी सास बोली। ” तो कुछ खास नही होना चाहिए क्या ?” सिमरन बोली। ” खास लोहडी मुंडे के होने पर होती है कुड़ी के … Read more

आवाज उठानी जरूरी है ( भाग 2)- संगीता अग्रवाल

” माँ बाप गरीब है तो क्या गलत बात भी सहेगी पति है वो तेरा और तू उसकी पत्नी। उसकी हिम्मत इसलिए ही बढ़ी है क्योकि तू चुपचाप सब सहती आई है। पर तूने सोचा है इससे तेरे बच्चो पर क्या असर होगा। वो जो तेरी बेटी है वो कल को दूसरी सांची बनेगी और … Read more

आवाज उठानी जरूरी है ( भाग 1)- संगीता अग्रवाल

” जाहिल औरत ये क्या किया तूने गँवार है गँवार ही रहियो तू !” शारदा जी पूजा कर रही थी कि उन्हे बेटे कार्तिक के ये शब्द सुनाई दिये जो वो अपनी पत्नी सांची को बोल रहा था। ” माफ़ कीजियेगा वो मुन्ने का हाथ लग गया इसलिए पानी गिर गया थोड़ा !” सहमी आवाज़ … Read more

शादी को बोझ ना बनाओ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या बात है बेटा सब ठीक तो है ना ?” शालिनी जी अपनी बेटी कुहू को उदास देख बोली। ” हां मम्मी बस ठीक ही है !” कुहू ने अनमना सा जवाब दिया। ” सार्थक ( कुहू का मंगेतर) ने कुछ कहा क्या ?” शालिनी जी ने फिर पूछा। … Read more

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