मान मर्यादा – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सिम्मी खिड़की में खड़ी गली के बच्चों को बारिश में भीगते हुए देख रही थी । अभी कुछ दिन पहले की ही बात है वो भी यूंही मस्ती किया करती थी पानी की फुहारों में और आज एक बहू बनी बैठी है जिसके ऊपर सो बंदिशें हैं! जब जब उसने अपने मन की बात सास … Read more

बच्चे तो शैतानी करेंगे ही – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” अरे अरे क्यो मार रही हो बच्चे को ऐसे ?” अंकिता अपने पड़ोस मे रहने वाली नीमा को अपने चार साल के बेटे को मारते देख बोली। ” भाभी इसकी शैतानियां दिन ब दिन बढ़ती जा रही है ऊपर से ज़िद्दी इतना हो रहा है मेरी कुछ नही सुनता !” नीमा बेटे को मारना … Read more

चटोरा कौन !! – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सलोनी आज अपने पति राज के साथ पहली बार मुंबई जा रही थी जहाँ राज नौकरी करता है । यूँ तो उसकी शादी को दो महीने हो गये थे लेकिन शादी के तुरंत बाद राज उसे अपने साथ नही लाया था क्योकि वो चाहता था सलोनी कुछ दिन ससुराल मे रुककर ससुराल वालों को जाने … Read more

नहले पर दहला  – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

मायके से बिछड़ने का दुख , नए घर परिवार को लेकर असमंजस और पिया के साथ की खुशी के मिलेजुले भाव लिए राधिका गाड़ी में चुपचाप बैठी थी कि तभी झटके से गाड़ी रोकी और ” नई बहु आ गई …नई बहु आ गई ” के शोर से राधिका समझ गई वो अपने नए घर … Read more

जीने के बहाने बहुत है- संगीता अग्रवाल’  : Moral stories in hindi

“माँ पापा कहाँ हैं आप.. ” रोणित ने घर आते ही आवाज़ दी. ” क्या बात है बेटा बड़े खुश नज़र आ रहे हो! ” स्मिता जी (रोणित की माँ) बोली. ” हाँ माँ खबर ही ऐसी है ”  ” अब बताएगा भी क्या खबर है.. ” सागर जी ( रोणित के पिता) बोले. ” … Read more

बहू बहू है उसे बेटी जैसी क्यो बनाना – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” माफ़ करना मम्मीजी पता नही कैसे उठने मे देर हो गई !” नई बहू तान्या पल्लू संभालती हुई रसोई मे आई और सास सुलोचना जी से बोली। ” कोई बात नही बेटा इसमे माफ़ी वाली कौन सी बात है शादी कि रस्मो के कारण तुम थकी थी थोड़ा ज्यादा सो ली तो क्या फर्क … Read more

सौतेला कौन ? – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

माही की नजर बार बार घड़ी की और जाती वो बेचैनी से दरवाजे तक जाती फिर वापिस सोफे पर आ बैठ जाती। उसके  बेटे उज्जवल को कॉलेज से आने में देर जो हो गई थी तो एक मां का बैचैन होना स्वभाविक था। तभी उज्जवल आता दिखा और उसकी जान में जान आई…! ” बेटा … Read more

गृहिणी :संगीता अग्रवाल Moral stories in hindi

” ममता आज मेरे कुछ दोस्त खाने पर आ रहे है अच्छा सा खाना बना देना समझी !” नितिन ने रविवार की सुबह हुकुम सुनाया। ” पर घर मे सामान नही है आप रात मे बता देते तो मैं ले आती अब अचानक से कैसे तैयारी होगी !” ममता बेबसी से बोली। ” मुझे नही … Read more

जीवनसाथी – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” मैं सिर्फ आपकी पत्नी और इस घर की बहू ही नहीं प्रथम किसी की बेटी भी हूं अगर यहां मेरे फर्ज हैं तो वहां भी कुछ फर्ज बनते हैं तुमने और तुम्हारे घर वालों ने कैसे सोच लिया कि मेरे पापा वहां जिंदगी मौत से लड़ रहे है और मैं यहां खुशियां मनाऊं!” मान्या … Read more

ससुराल मे हो सास का साथ तो बन जाये बात – संगीता अग्रवाल   : Moral stories in hindi

” बहू क्या बात है इतना परेशान क्यो हो ?” स्वाति जल्दी जल्दी रसोई के काम निपटा रही थी तभी उसकी सास ममता जी ने पूछा। ” माँ चेरी को रात से तेज बुखार है !” स्वाति बोली। ” ओह्ह ! दवाई दी ?” ममता जी ने पूछा। ” माँ दवाई खत्म हो गई मैने … Read more

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