वीरान होते गांव , शहर – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” ये क्या अजय मोहल्ले मे इतनी वीरानी सी क्यो छाई है ?” पायल जो अपने पति अजय के साथ कई सालों बाद विदेश से लौटी थी बोली। ” पता नही पायल ये सब क्या है …देखो वो चमन काका कितने बूढ़े और अशक्त नज़र आ रहे है !” अजय आस पास निगाह दौड़ता हुआ … Read more

सम्मान – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

श्रेया एक मल्टीनेशनल कम्पनी मे नौकरी करती थी । बिंदास लेकिन संस्कारी लड़की थी वो । उसके ऑफिस मे ही राहुल काम करता था वो दोनो एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे । ” श्रेया तुम्हे नही लगता हमें अपना रिश्ता आगे बढ़ाना चाहिए क्योकि हमें एक दूसरे को पसंद करते छह महीने हो … Read more

अपनों का साथ – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” विपिन आप आ गए ….क्या बात है इतने परेशान क्यो हो ?” पति के घर आते ही संध्या ने पूछा। ” कुछ नही बस ऐसे ही !” विपिन ने संध्या को टाल दिया और अनमना सा सोफे पर अधलेटा हो गया। विपिन व संध्या के दोनो बच्चे आठ साल का रोहान और दस साल … Read more

मायका माँ बाप के बाद भाभी से होता है – संगीता अग्रवाल  Moral stories in hindi

” तुम्हे जरा तमीज नही है खाना बनाने की बाकी काम को सहायिका है बस एक खाना बनाना होता है तुम्हे वो भी तुमसे नही होता …बस सारा दिन आराम चाहिए तुम्हे !” नलिन गुस्से मे अपनी पत्नी कोमल पर चिल्ला रहा था। ” ऐसा नही है नलिन खाना बनाने के अलावा भी बहुत काम … Read more

अब समय है बदलाव का – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

ये कहानी एक साधारण भारतीय परिवार की लड़की प्रीति की है । अपने नाम के अनुकूल प्यारी सी है प्रीति दो बहनो और एक भाई के बाद उसका जन्म हुआ था । हालाँकि उसके माता पिता चौथा बच्चा नही चाहते थे पर उसकी दादी चाहती थी एक और लड़का हो जाये बस इसी कारण प्रीति … Read more

जुनून की हद तक जो जाता है वो मंजिल पाता है – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

दिव्या को बचपन से पढ़ने का शौक था। सिर्फ कोर्स की किताबें नहीं अपितु अपने भाई बहनों की किताबें भी वो पढ़ डालती थी। कभी कुछ समझ नहीं आता तो कितने सवाल करती थी कि बड़े भाई बहन खीझ भी जाते थे कि तू अपनी ही किताबे पढ़ ले वहीं बहुत है। पर दिव्या को … Read more

इधर की उधर करना – संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

” तुम्हे पता है शालिनी कल संध्या और उसके पति में झगड़ा हो रहा था !” मीना अपनी एक पड़ोसन से दूसरी पड़ोसन के बारे में बात करती हुई बोली। ” अच्छा वो तो परफेक्ट कपल है जो कभी नहीं लड़ते …वैसे तुम्हे कैसे पता जबकि मैं भी उन्ही के पड़ोस में रहती हूं पर … Read more

एक सज़ा ऐसी भी – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

राधिका इस मोहल्ले मे अभी नई नई आई थी क्योकि वो एक सरकारी स्कूल मे शिक्षिका थी और उसका तबादला मेरठ से दिल्ली कर दिया गया था । उसके परिवार मे सास -ससुर, पति सौरभ और दो बच्चे खुशी और वत्सल थे क्योकि दोनो बच्चे आठवीं और दसवीं मे पढ़ते थे तो ऐसे अचानक स्कूल … Read more

तुम्हारा तो ये रोज का नाटक है – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” क्या बात है पीहू आज इतना उदास क्यो हो तुम ?” स्कूल से घर लौटी अपनी पांच साल की बेटी से नीलम ने पूछा। ” कुछ नही मम्मा मुझे भूख लगी है !” पीहू हाथ धो कुर्सी पर बैठती हुई बोली। ” बेटा टिफ़िन तो दिया था मैने क्या तुमने वो नही खाया ?” … Read more

मान मर्यादा – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सिम्मी खिड़की में खड़ी गली के बच्चों को बारिश में भीगते हुए देख रही थी । अभी कुछ दिन पहले की ही बात है वो भी यूंही मस्ती किया करती थी पानी की फुहारों में और आज एक बहू बनी बैठी है जिसके ऊपर सो बंदिशें हैं! जब जब उसने अपने मन की बात सास … Read more

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