कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है – संध्या त्रिपाठी Moral Stories in Hindi

 क्या बात है मैडम… आजकल आप अपने में खोई रहती हैं कहीं पुरानी यादों के बहाने हमें भुलाया तो नहीं जा रहा है ना …. ? आरव ने छेड़ते हुए पत्नी आकृति से कहा ….! आकृति ने मुस्कुराते हुए कहा ….जानते हो आरव…. कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है…..!        हाँ हाँ बोलो आकृति…ऐसा कौन … Read more

कितने नंबर चाहिए – संध्या त्रिपाठी Moral Stories in Hindi

 आज फिर ट्रेन लेट है , रेलवे स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना  वो भी अकेले , बहुत अखर जाता है… बड़बड़ाते हुए आकृति बार बार घड़ी की ओर देखती फिर मोबाइल में सर्च करती अभी कहां पर पहुंची है ट्रेन…. और कितना समय लगेगा…?         इसी बीच एक 10 – 11 वर्ष का बालक … Read more

काश- संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी होते ही विधि ने ध्यान से अपना चेहरा देखा…..अरे आज तो उसके चेहरे की झाइयाँ कुछ ज्यादा ही गहरी दिखाई दे रहीं थीं…….ओह मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया……या शायद समय ही नहीं मिला ध्यान देने का…..! ये चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ने लगी…. क्या मेरा  ” बुढ़ापा ” आने … Read more

पापा आप कैसे अपनी माँ की बुराई सुनते हैं -संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

वाह क्या सब्जी बनी है…. आज माँ की याद आ गई…. परवल की सब्जी भी इतनी शानदार बन सकती है… ये तो मुझे माँ के हाथों से बनी परवल की सब्जी खा कर ही पता चला था….!! वरना मुझे तो परवल बिल्कुल भी पसंद नहीं थी….। अनजाने में ही सब्जी की तारीफ करते करते नकुल … Read more

कलावती -संध्या त्रिपाठी Moral stories in hindi

देख कलावती…. गुच्छे में आम लगा है…. ध्यान रखना कोई तोड़ ना पाए… तृषा के इस वाक्य से कलावती खुश नहीं थी… वो शायद भाँप गई थी कहीं ना कहीं अप्रत्यक्ष रूप से मालकिन मुझे ही आम ना तोड़ने की सख्त हिदायत दी हैं….!       बड़बोली , अल्हड़ , बेबाक कलावती ने उस वक्त इतना ही … Read more

एक विधवा जो हजारों दुल्हन सजाती है – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

  देखो पंछी मैं बता देती हूं .. पूर्वी ना , तनु की शादी में हर मांगलिक कार्य में  आगे आगे नहीं रहेगी….      माना वो तेरी बहुत अच्छी सहेली है पर है तो विधवा ना…. और पंछी तू भी तो नहीं चाहेगी ना कि तनु की शादी में कुछ ऊँच-नीच हो… आखिर तनु बेटी है तेरी…. … Read more

साॅरी मम्मी जी – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

बाप रे…. शादी के बाद कितनी फॉर्मेलिटीज निभानी पड़ती है ….मायके आने के बाद भी चैन नहीं…  समय-समय पर सासू माँ को फोन करो , हालचाल लो…. पतिदेव को तो गुड मॉर्निंग से लेकर गुड नाईट तक का खबर लेना देना ही होता है….        चांदनी ने मोबाइल पर मैसेज भेजने के बाद मन ही मन … Read more

ढूंढती आंखें – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

का हो जिज्जी…..आधी रात में बारात लगी का ….?? 8:00 बज गएल…. अभी तक इमली ना घुटाइल गएल…! कब बारात लगी… कब द्वार पूजा होई ….??  कौनो टाइम बा…की नाहीं…. गांव से आई देवरानी ने जेठानी महिमा से कहा… !    हां हां देवरानी जी …. बस अब चलते हैं इमली घुटाई की रस्म भी कर … Read more

कलंकित बहू – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

  आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी मोहिनी देवी एक सशक्त महिला होने के साथ साथ घर की मुखिया का किरदार भी बखूबी निभा रही थीं…I दो बेटों और पोते पोतीयो से भरा पूरा परिवार को उस दिन ग्रहण लग गया जब एक कार दुर्घटना में मोहिनी देवी के पति और छोटे बेटे अमन की आकस्मिक मौत हो … Read more

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कविता की प्रस्तुति – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

    दीपू …कल सेकंड सैटरडे है ना तेरी छुट्टी होगी और परसों संडे… वाह….. तो देख बेटा मुझे दो जगह महिला दिवस पर अपनी कविता प्रस्तुत करने का आमंत्रण मिला है…दोनों जगह दूर है…..और पापा की छुट्टी नहीं है मुझे ले जाने वाला कोई नहीं है….. तो प्लीज दीपू ….तू मुझे ले जाएगा …..?? प्लीज बेटा….. … Read more

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