देवकन्या (भाग-6) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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पाणिनी  का मार्गदर्शन “” (पहली जनपद  कल्याणी गणिका का निवार्चन) “सभी सभासदो की उपस्थिति  में, बिना संशय सभी के मतानुसार ,बाहुलता के अनुरूप हर जाति से  एक पदाधिकारी  चुनों” ” प्रमुख का चयन करते ही”मंत्रिपरिषद  के सुझाव के अनरूप गढंप्रमुख का चयन किया जाऐ” व्यवधान को ही समाधान करने दो राजन्” अन्य मंत्रीगण समीप ही … Read more

देवकन्या (भाग-5) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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विरक्ति “राजा का वियोग” देवी,,मेरे मन मे अंसतोष  का वो अंकुर फूट गया है,जो मुझे दग्ध कर रहा है””मै इस महाप्रतापी इक्ष्वाकुवंश का   मान न रख सका””आह””” आंखों से सैलाब फूट पडा, पुरी  नरेश के”” पति की ऐसी स्थिति  देख, विहृवल हो उठी रानी त्रिशला”” आप इस तरह स्वयम् को अपराधी न समझे” कदाचित  … Read more

देवकन्या (भाग-4) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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अब तक “”” अमरा की बाते सुनकर  दक्षांक    ने मन ही मन ,विशालपुरी  वापस जाने का फैसला किया “नदी नालों को पार कर वो विशालपुरी पहुंचा,आश्रय की तालाश मे उसकी मुठभेड़, तमोली”” और दो युवको  से हुई””छोटी झडप के बाद उसमे से एक युवक  राजनायक के मित्र का पुत्र  निकला “” आगे””” आरम्भ – … Read more

देवकन्या (भाग-3) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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अब तक—- विशालपुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी “व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए “ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ ” था”””उसी विशालपुरी  को पुरी नाम से भी जाना जाता था”””मगध के राजा का,राजनायक  सेनापति दक्षांक  था,जो शूरवीर के … Read more

देवकन्या (भाग-2) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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अबतक आपने पढा”” पुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी”व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए थे”ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ “”” था””” आगे—— ढोल ताशे बज रहे है,लगता है पुरी मे कोई उत्सव है,, चपला ने पास बैठी स्त्री … Read more

देवकन्या (भाग-1) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

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ये गाथा  शुरू होती है,उस समय से जब ,विशालपुरी के युवराज  ने,संसारिक जीवन से वैराग्य जीवन को अपनाया, पिता महाराज सिद्धार्थ  ने  जीवन से मोह त्याग कर खुद को कोपभवन  में कैद कर लिया,चारों ओर अराजकता फैल गयी” प्रजा ने क्रोधित होकर ,एक दूसरे  पर  आरोप प्रत्यारोप लगा दिये” युवावर्ग, —-अक्रोशित हो,राज्य को नष्ट करने … Read more

बिखरता आसमान”-रीमा महेंद्र ठाकुर Moral stories in hindi

हाय”” थैक्यू,  किस बात का”” आपने मेरी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली”” ओह”” हा”” आपकी पिक रियल है”” हा जी”” और नाम”” अफकोर्स  रियल ही है”” मेरा भी”” अच्छा जी””” बहुत खूबसूरत है,आप”” थैक्यू “” नीरव कु बात सुनकर” स्याली के चेहरे पर ललिमा फैल गयी! वैसे एक बात बोलूं, स्याली शर्माते हुऐ बोली”   हां … Read more

बिखरता आसमान”-रीमा महेंद्र ठाकुर Moral stories in hindi

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तनु को अपनी मां से काफी लगाव था एक तो वो घर मैं बड़ी थी और लड़की होने के नाते कुछ लगाव अलग ही होते है और उसके दोनो भाई छोटे थे तो उन्हें भी खुशी होती की दीदी मां के साथ उनका भी ध्यान रख रही है । तनु की शादी के बाद भी … Read more

ख्वाब जो बिखर गये (भाग 1)  – रीमा महेंद्र ठाकुर 

बहुत  चाहा तुम्हें , अब  नही बस तुमने  दिया ही क्या मुझे,    बेबसी”  तुम आये ही क्यू मेरी  जिन्दगी मे ,कुछ भी  तो न चाहा था  तुमसे  ,मैने सिवाय थोडी सी इज्जत और अपनेपन के  अलावा ” अब छोड गये न मुझे  अकेला”  अब कभी वापस मत आना  ! मै अकेली ही अच्छी  हूँ बन्द  … Read more

ये घर तुम्हारा भी है””आज का परिवेश” : Moral Stories in hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

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