माँ की कमी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घर के आंगन में हलचल थी। जैसे ही कांता रसोई में घुसने के लिए कदम बढ़ाती है, एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक में समाती है। वह यह खुशबू पहचान जाती है—यह सुलोचना जी के हाथों की बनी पकवानों की महक थी। कांता चहकते हुए रसोई में घुसी और उत्सुकता से पूछा, “माला दीदी आ … Read more

अब तो इसके आराम के दिन आए हैं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

 “ ये क्या माँ फिर तुम्हारे पैरों में दर्द बढ़ गया ….कितनी बार समझाया है तुम कोई मशीन नहीं हो…. जो दिन रात खटती रहती हो….अरे माँ इन दुनिया वाले के लिए तुम  बस एक इंसान हो लेकिन मेरे लिए तुम पूरी दुनिया हो…. क्यों नहीं समझती हो इस बात को…. तुम्हें कुछ हो गया … Read more

उनकी यादों के सिवा मेरे पास और है ही क्या….! – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ जब देखो तुम और तुम्हारी यादों को पोथा…. कब तक ऐसे ही ले कर बैठी रहोगी माँ…. चलो अब …कब से हम खाने के मेज पर तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं ।” कमरे में आकर चंचला जी के बेटे हरीश ने कहा  चंचला जी अपने बिस्तर पर औंधे मुँह लेटी हुई थी और सामने … Read more

जिम्मेदारी उठाएगा कौन? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

पूरे दिन मैं घर और ऑफिस के काम में लगी रहती हूँ… तुम्हारा क्या है.. रात को घर आओगे खाना खाओगे कुछ देर टीवी देख कर सो जाओगे, सुबह बिस्तर पर  चाय मिल ही जाता है नाश्ता किया निकल गए। मुझे अपने साथ साथ अंश के लिए भी सोचना पड़ता है और अब ये जिम्मेदारी … Read more

भाग्यहीन – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ रति याद है ना बेटा कल मंगलवार है मंदिर जाना है… जल्दी सो जा तभी तो जल्दी उठ कर सारा काम कर पाएंगे  तभी मंदिर जा सकते है नहीं तो देर हो जाएगी स्कूल जाने में … तू सुन रही है ना… आजा सोते हैं किताब बंद कर के लाइट ऑफ कर दें ।” … Read more

ई का करत हो बहुरानी… – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

पहला दिन था इसलिए उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। करे तो क्या करें?शादी कर के कल रात को ही तो इस घर में आई थी, सुबह सवेरे मड़वा में पूजा करने के बाद पंडित जी ने कहा अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले लो ।सामने बहुत सारी महिलाएँ खड़ी थी।अब सब के पाँव … Read more

मान सम्मान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अंजना जी की  जेठानी कुछ समय के लिए उनके घर आईं थीं। वे उम्र में काफी बड़ी थीं और अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रही थीं। जीवन में समय का पहिया ऐसे घूमा कि अब वे खुद किसी के सहारे की तलाश में थीं। वे पहले से ही काफी धनवान थीं और अपने … Read more

अब अफ़सोस कर क्या मिलेगा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मम्मा कहाँ हो आप…. ?”दस साल का ध्रुव पूरे घर में नित्या को खोजता हुआ घूम रहा था  “ तेरी माँ कहाँ होगी बस बैठ कर अफ़सोस करती रहती है पहले ही समझ जाती तो आज ये दिन तो ना देखना पड़ता… और बेटा तुम भी तो जानते ही हो ना…. तुम्हारी माँ कहाँ … Read more

मुझे मेरे मायके जैसा ससुराल नहीं चाहिए… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कर रही है बेटा रसोई में… चल जा मैं कुछ बना देती हूँ खाने के लिए नहीं तो बहू से कहती हूँ… तू हॉस्टल से आई है आराम करने रसोई के काम करने नहीं?” सुमिता जी राशि को रसोई में देख बोलीं. “ माँ वो भाभी के पैरों में बहुत दर्द हो रहा … Read more

हम साथ-साथ हैं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

मयंक और निकिता की शादी को पाँच साल हो चुके थे। दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख को समझते थे, लेकिन मयंक के स्वभाव की एक बात थी जो निकिता को हमेशा से परेशान करती थी। मयंक का शांत स्वभाव और बिना किसी शिकायत के सब कुछ सहन कर लेना, निकिता के लिए हमेशा एक पहेली था। … Read more

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