पुरूष होने का इतना अहं … – रश्मि प्रकाश 

“ क्या बात है बहू देख रही हूँ तुम कब से इधर से उधर चहलक़दमी किए जा रही हो… कोई परेशानी है क्या?” सुनंदा जी ने बहू राशि से पूछा  “ हाँ माँ… वो कमली को लेकर थोड़ी परेशान हूँ… कुछ दिनों से वो बहुत परेशान लग रही थी जो पूछा तो सुन कर मेरा … Read more

बड़े घर की बेटी – रश्मि प्रकाश

“बिटिया क्या तुम सच में अपने ससुराल जा रही हो…. ?” शकु ताई ने नीति से पूछा  “ हाँ ताई…आप अपना ख़्याल रखना और ये चिट्ठी… मम्मा जब घर आए उन्हें दे देना ।” कहते हुए नीति अपना सामान पैक कर कार में बैठ घर से निकल गई  एक ही शहर में मायका ससुराल है … Read more

बंद मुट्ठी के खोखले रिश्ते… : saas bahu ki kahaniya

घर में लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा था जेठानी के मायके का पूरा परिवार इकट्ठा हो रखा था…सब आपस में बातें करने में मशगूल थे पर जिसका घर था वो आज उदास थी और रोये जा रही थी । राशि के आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। पति निकुंज और बच्चे सब चुप … Read more

ख़ुशियों का दामन

कहते हैं ज़िन्दगी में सब कुछ पहले से तय होता है… कब किससे मिलना लिखा.. कब किससे बिछड़ना उपर वाले के पास सब दर्ज होताहै…. कभी कभी ज़िंदगी दामन में इतने दुख भर देती है कि हम उसे अपनी नियति मान मौन रह स्वीकार कर लेते हैं चाहे उसमें ख़ुशी की गुंजाइश ना के बराबर … Read more

आपके हाथ में रिश्ते बनाना बिगाड़ना – Moral Story In Hindi

“ ताई जी यहाँ क्यों आई थी माँ…..मुझे इनका यहाँ आना जरा भी नहीं सुहाता….मुझे अभी भी याद है इनकी वजह से ही हमारे घर में दरार पड़ गई थी….भैया दीदी से भी हमें दूर कर दिया…क्या परिवार में ज़रूरी है दो भाई हो तो दोनों समान पैसे कमा कर लाए और अपने बच्चों को … Read more

पराँठे रहने दीजिए …. – रश्मि प्रकाश

“ निशिता मेरे कपड़े प्रेस वाले के पास से आ गए हैं क्या….नहीं आए है तो प्लीज़ फोन कर के मँगवा लेना दो दिन बाद एक मीटिंग  केसिलसिले में राँची जाना है ।” रितेश ऑफिस के लिए तैयार होते हुए बोला  “ हाँ मँगवा लूँगी… बता दोगे तो पैकिंग भी कर दूँगी नहीं तो खुद … Read more

इतना अभिमान सही नहीं…. – रश्मि प्रकाश

“ बस भी करो रितेश … कब तक ऐसे सिर झुकाकर सबकी बातें सुनते रहोगे।” राशि ने अपने छोटे भाई का हाथ पकड़कर धीरे से कहा  वही किनारे पर सुमिता जी खड़ी अपनी बेटी का रिश्ता टूटता देख घबरा रही थी  लड़के वाले दल बल के साथ लड़की देखने आए थे या चढ़ाई करने ये … Read more

व्यर्थ का दिखावा – रश्मि प्रकाश

सभी से आग्रह किया गया था वो अपने साथ एक ही चीज लेकर आएँगे और कुछ भी लेकर आए तो वो हम स्वीकार नहीं कर सकेंगे । सजी धजी हवेली और भव्य पंडाल ये किसी को भी अपनी ओर खींच सकता था पर गेट पर तैनात जवानों को देख बिना न्योता अंदरआने की हिम्मत कोई … Read more

ये दिखावा है या प्यार …? – रश्मि प्रकाश

कभी कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है कि सामने  मनपसंद दृश्य देख कर भी दिल भयभीत हो उठता है… मन घबरानेलगता है ऐसा लगता है मानो ना जाने अब कौन सी गलती हो जाएगी और ……राशि सामने का दृश्य देख कर यही सब सोच रही थी किउसके पति निकुंज ने झकझोरते … Read more

एक माफ़ी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए – रश्मि प्रकाश

रोते रोते कब राशि की आँख लग गई थी उसे पता ही नहीं चला था… अचानक से पास में ही सो रहे उसके दस दिन के बेटे कुश के उठकर रोने की आवाज सुन उसकी आँख खुल गई…. उसे छाती से चिपका दूध पिलाने लगी  और वो दूध पीते पीते फिर से सो गया। राशि … Read more

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