उपेक्षा का दंश – पुष्पा जोशी : Short Moral Stories in Hindi

 Short Moral Stories in Hindi : आज राधा की बड़ी बड़ी ऑंखों में बरबस ऑंसू आ गए। वह नहीं चाहती थी कि विवेक उन्हें देखे, वह तेज कदमों से अपने कमरे में चली गई। वह मन को बहुत समझाती है, कि उसकी और उसकी जेठानिय़ो की परिस्थितियों में बहुत अन्तर है, न उनसे अपनी तुलना … Read more

 ईमानदारी पर दाग – पुष्पा जोशी : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सज्जनसिंह के घर का दरवाजा दो दिनों से बंद था ।न घर से कोई रोशनी आ रही थी। शालिनी जी भी घर से बाहर नहीं निकली थी।पूरे मुहल्ले में कानाफूसी हो रही थी, अब घर में मुंह छिपाकर बैठे हैं, शर्म नहीं आई बेटे के साथ काला धन्दा करने … Read more

 सुरक्षा घेरा – पुष्पा जोशी : Short Moral Stories in Hindi 

अविनाश ने दो टूक जवाब दिया- ‘तुम और आर्ची पार्टी में नहीं जाओगी, यह मेरा फैसला है। ‘ और वह ऑफिस के लिए निकल गया। चारूदत्ता सन्न रह गई। आखिर क्या हो गया है अविनाश को? पार्टी में जाने के लिए मना कर दिया। कितनी उत्सुक थी, वह और आर्ची  मिस्टर डिसूजा और उनके परिवार … Read more

 घमंड दौलत का – पुष्पा जोशी

विनिता की बेटी का विवाह सआनन्द सम्पन्न हो गया। बिटिया की बिदाई का अवसर था, विनिता का मन भारी हो रहा था,शीतल उनकी इकलौती बेटी थी। वह बिदाई की रस्मों की तैयारी कर रही थी, तभी उसके फोन की घंटी बजी, बड़ी भाभी सुजाता का फोन था। विनिता ने फोन उठाया, आवाज आई – ‘यह … Read more

पवित्र रिश्ता – पुष्पा जोशी

उस रिश्ते को मैं क्या नाम दूं, समझ नहीं पा रहा हूँ, उनसे मेरा कुछ तो रिश्ता है, उस रिश्ते को मैं नकार नहीं सकता.न उसका नाम मालुम है,न उम्र .सच माने तो मैंने उन्हेंकभी देखा भी नहीं है.कभी उसे देखने का विचार भी नहीं आया.उनके कंठ  से निकली स्वर लहरी सीधे मेरे दिल में … Read more

समझाइश  – पुष्पा जोशी

पार्थ ने फोन का रिसीवर रखा और एक लम्बी सांस ली।उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई, वह सोच रहा था कि जब स्मिता  मौसी घर आएगी, वह सबके साथ साम्य कैसे स्थापित करेगा।पत्नी रूपा अपनी जिद पर अड़ी है।माँ बीना इस पूर्वाग्रह से बाहर ही नहीं आ पा रही है, कि वे जो … Read more

सुगनी काकी  – पुष्पा जोशी

यशोधरा ने रोते हुए घर में प्रवेश किया, रोते-रोते उसका बुरा हाल था, मॉं ने कहा- ‘क्या बात है क्या आज फिर सुगनी काकी ने तुझसे कुछ कहा?’ वह कुछ नहीं बोली सीधे अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गई उसका रोना रूक ही नहीं रहा था.’अब तो हद ही हो गई, पीछे ही … Read more

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