धैर्य और लगन – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi
विवेक तुम कंही जा रहे हो…., तुम्हारी माँ बता रही थी कि कोई इंटरव्यू है ,खाने की टेबल पर दिवाकर जी ने अपने बेटे से पूछा। हां पापा एक बड़े होटल में रिसेप्शनिस्ट की जॉब है सैलरी भी अच्छी है तो….. लेकिन तुम्हे प्राइवेट जॉब करने की क्या सूझी….. पापा मैंने पिछले पांच सालों में … Read more