धैर्य और लगन – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

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विवेक तुम कंही जा रहे हो…., तुम्हारी माँ बता रही थी कि कोई इंटरव्यू है ,खाने की टेबल पर दिवाकर जी ने अपने बेटे से पूछा। हां पापा एक बड़े होटल में रिसेप्शनिस्ट की जॉब है सैलरी भी अच्छी है तो….. लेकिन तुम्हे प्राइवेट जॉब करने की क्या सूझी….. पापा मैंने पिछले पांच सालों में … Read more

किस्मत की गाड़ी -मोनिका रघुवंशी   : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : सुधा दी का फोन आया था, उनके बेटे विवेक की शादी तय हो गयी है। हम दोनों को आने का न्यौता दिया है। मनस्वी अपने पति मयंक को खाना परोसते हुए बता रही थी। मैं तो नही जा पाऊंगा यार और बच्चों के भी एग्जाम रहेंगे….. देख लो बहुत जरूरी … Read more

चरित्रहीन औरतें – मोनिका रघुवंशी : Moral stories in hindi

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moral stories in hindi : हमारे यंहा रविवार की सुबह अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ सुकून भरी होती है सुबह के सात बजे तक आराम से उठो,पति मॉर्निंग वॉक पर निकले और मैं अपनी कड़क चाय की प्याली लेकर बालकनी में अपने नन्हे मुन्हे पौधों को निहार रही थी। तभी एक बड़ा सा ट्रक हमारे … Read more

नाम डुबोना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

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सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है….. ललिता अपने पति सोमेश जी से बोल रही थी। क्यों अब क्या कर दिया उस बेचारी ने…तुम्ही तो उसका जीना हराम किये देती हो। बड़ी दीदी ने आज छोटे तालाब के पास … Read more

आखिर क्यों… – मोनिका रघुवंशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : दीवार पर लगी घड़ी रात के 12 बजा रही थी कमरे में बहुत हल्की नीली रोशनी, मैं बिस्तर पर अकेले पड़ी पड़ी नींद का या शायद राघव का इन्तजार कर रही थी। आंखों से नींद कोसों दूर थी, पगफेरे के बाद ये हमारी पहली रात थी मन मे अनगिनत बातें … Read more

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