चिकना घड़ा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाभी जी मुझे खाना बनाना है ,तो बनाओ ना मैं बैठी हूं जो बनाओगी मैं भी खा लूंगी।प्रिया परेशान हो गई थी चम्पा भाभी से ।वो वक्त बेवक्त प्रिया के घर आकर बैठ जाती थी और फिर जाने का नाम नहीं लेती थी ।दो चार दिन की बात हो तो ठीक है लेकिन ये तो … Read more

आत्म सम्मान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी कल मैं वापस जा रहा हूं आप भी अपना समान पैक कर लें हमारे साथ चले यहां अकेले कैसे रहेंगी नमिता का बेटा आकाश बोला । नहीं आकाश में तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी , लेकिन मां तुम यहां कैसे रहोगी अकेले ।रह लूंगी बेटा मैं अकेले अभी तक तो तुम्हारे पापा थे लेकिन मैं … Read more

रिश्ते तो विपत्ति में सहारा बनते हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई ये तुमने ठीक नहीं किया हमने तो तुम पर भरोसा किया था,हर सुख-दुख में तुम्हारा साथ दिया था ।तुम बड़े भाई थे तुम्हारे हर बात पर विश्वास किया, तुम्हें पिता समान समझा और तुम्ही ने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया। अरे कुछ ऊपर वाले से भी तो डरो।भाई भाई का रिश्ता तो भगवान … Read more

तौबा तौबा करना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दादी मम्मी ने पांच हजार रुपए मंगाए हैं उनकी तबीयत ठीक नहीं है अस्पताल में भर्ती हैं । लेकिन तुम्हारी मम्मी के ऊपर तो पहले से ही काफी उधार है कोमल सुषमा बोली ।वो मम्मी काम करके उसी में कटवा देंगी पैसे।पर इतने पैसे कैसे कटेंगे।वो दादी अभी दे दीजिए मम्मी जब काम पर आएंगी … Read more

मां का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

एक बेटी के लिए बाबुल का घर छोडना आसान नहीं होता।मायका चाहे जैसा हो अमीर गरीब लेकिन वहां की स्मृतियां एक बेटी के लिए अकल्पनीय होती है ।वह उम्र भर वहां की स्मृतियां संजोए रहती है । उसको कभी भूल नहीं पाती है । ससुराल में आकर तमाम जिम्मेदारियों में फंसकर भी बाबुल की यादें … Read more

बहन भाई का प्यार – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

बेबस और लाचार से पड़े भाई को देखकर करूणा के आंख से झर झर आंसू बह रहे थे ।वो भाई का हाथ पकड़ कर वहीं बैठ गई और रोए जा रही थी। रोते-रोते ही हालचाल पूंछ रही थी इतने में भाभी चाय नाश्ता लेकर आ गई। भाभी बोली करूणा अब आज त्योहार के दिन मत … Read more

ऐसी कैसी औलाद  – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज पार्क में घूमने में बड़ा आनन्द आ रहा था मौसम बड़ा सुहाना था । कुछ देर मौसम का आनन्द उठाने के बाद पार्क से घर जाने को बाहर निकलीं तो रोड पर मिसेज शर्मा मिल गई जो हमारी पड़ोसी भी है और हम दोनों हम उम्र भी है ।30 सालों से हमलोग एक मोहल्ले … Read more

नाराज़गी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो चाचा , कैसे हो आप, हां ठीक है ।और कैसे याद किया भाई चाचा को ।आज तीन साल बाद भतीजे अनुज का फोन आया तो उमेश जी थोड़े हैरान हुए और मन भी भर आया क्यों कि चाचा भतीजे में आपस में बहुत पटती थी। चाचा भतीजे के बीच नाराजगी चल रही थी तीन … Read more

कैसा हक़ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हक़,किस हक़ की बात कर रही हो तुम , हक़ पाने के लिए हक़ जताना भी पड़ता है, हक़ के साथ साथ कुछ जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती है तब जाकर मिलता है । ऐसे हक़ हक़ चिल्लाने से नहीं मिलता हक़ आलोक जी बोले।जाओ तुम यहां से जिससे शादी की है उस पर हक़ जताओ … Read more

नृत्यमं – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

नृत्यमं ,यही नाम था इशिता के नृत्य क्लास का ।जिसका बड़ा सा ग्लोसाइन बोंड लगवाते हुए इशिता फूली नहीं समा रही थी।आज बरसों का सपना जो पूरा हो रहा था उसका।वो अपने सासू मां को धन्यवाद दे रही थी जिनकी बदौलत आज उसका सपना पूरा हो रहा था।कई घंटों के मेहनत से इशिता का का … Read more

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