स्नेह का बंधन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मत रो बिटिया मां चली गई तो क्या हुआ बाबू जी तो है ,हम है मायके आती रहना इतना कहकर शकुन्तला ने दोनों बेटियों को गले लगा लिया और दोनों के हाथों में दस ,दस का एक-एक नोट रख दिया।और खुद भी आंसू पोंछने लगी। बिटिया जो आया है संसार में वाको तो एक दिन … Read more

ननद सिर्फ पति की बहन ही नहीं सबसे अच्छी सखी भी तो है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे रितिका क्या वहां रसोई में घुसी है भाभी के साथ, यहां आकर बैठ हमलोगों के साथ गप्पे लडा। भाभी कर लेगी न तुम क्यों परेशान हो रही वहां।हम ननदें क्या ससुराल से आकर अब मायके में भी काम करेंगी क्या रसिका बोली। तभी बीच में मम्मी रजनी भी बोल पड़ी ये रितिका भी न … Read more

अपनी बहू के अच्छाई के आगे आपको कुछ नहीं दिखता मम्मी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

देखिए भाभी जी आज मेरी बहू को अपने स्कूल से सबसे अच्छी टीचर का ये गिफ्ट मिला है ।ये कहते हुए प्रस्सति पत्र और गिफ्ट दिखाते हुए खुशी से सुधा जी की आंखें छलछला आई।आज धूप में बैठी इस पड़ोस की सुधा जी की सहेलियां जिनको सुधा जी बहू को मिला गिफ्ट दिखा रही थी। … Read more

मेरी पत्नी को तो दिनभर टोकती है मम्मी अपनी बेटी को भी कुछ कहों। – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी मैंने सबका खाना बना कर रख दिया है अब मैं जाऊं भाई को राखी बांधने। अरे कहां जा रही हो बहू अभी तुम्हारी ननद वंशिका आ रही है उसके पसंद का खाना कौन बनाएगा। लेकिन मम्मी जी मैंने तो खाना बना दिया है और आपसे मैंने बताया था न कि भाई कई सालों … Read more

आज मैंने एक फैसला लिया है अपने आत्म सम्मान के लिए – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो वकील‌ साहब हां बहन जी  ,आप जरा घर आ जाइए कुछ काम है कुमुद जी ने कहा , ठीक है बहन जी मैं आता हूं।और थोड़ी देर में वकील साहब आ गए । कुमुद जी ने अलमारी से कुछ पेपर निकाले और वकील साहब की तरफ बढ़ा दिए । वकील साहब आपके सेठ जी … Read more

बड़ी बहू – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज बड़ी बहू , बड़ी बहू कहने वाली मांजी ने आंखें मूंद लीं है ।अब कौन कहेगा मुझको बड़ी बहू ,कौन समझाएगा मुझे मेरी जिम्मेदारियां,कौन कहेगा बड़ी बहू तुम घर की सबसे बड़ी बहू हो सबकुछ तुम्हें भी देखना है । सोच सोच कर सास के पार्थिव शरीर के पास बैठी शारदा के आंसू नहीं … Read more

टूटते रिश्ते आज फिर से जुड़ने लगे – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दीप्ति जैसे ही अपनी सास वसुधा जी के पैर छूने आगे बढ़ी वसुधा जी ने हाथ आगे बढ़ा कर उसे रोक दिया। रहने दो दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं है ।बड़ों की इज्जत मन से होती है जब मन में तुम्हारे हमारे लिए कोई इज्जत नहीं है तो ये पैर छूने का दिखावा क्यों … Read more

बेटा अब तो मैं अपनी पोती से सारे अरमान पूरे करूंगी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज अमिता के पैर जमीं पर नहीं पड़ रहे थे।गोद में नन्ही पोती को लेकर वो ऐसे खुश हो रही थी जिसकी कोई सीमा नहीं थी। सबको दिखा रही थी देखो मेरे घर नन्ही परी आई है।कितनी प्यारी है न कितने नन्हे नन्हे हाथ पांव है , कितना प्यारा सा मुखड़ा है ,और देखो इसके … Read more

कितने जतन से पाला पोसा बेटा तुम्हे – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

तुझे पाल-पोस कर इतना बड़ा किया था बेटा और तू चार दिन के प्यार के लिए मां बाप को छोड़ देगा। कहां है बेटा तू इतनी रात हो गई तू घर क्यों नहीं आया।मैं घर नहीं आऊंगा मां जबतक आप लोग मेरी बात नहीं मानोगे।वो लड़की कैसी है क्या पता तेरे लिए ठीक है कि … Read more

स्वाभिमान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

फोन की घंटी बज रही थी राखी बाथरूम में थी बाहर आकर देखा तो भाई का फोन था। उसने काल बैंक किया हलो भइया हां राखी कैसे हो भइया ठीक हूं राखी ‌‌‌‌‌‌लेकिन ये बताना था कि मां ठीक नहीं है उनको हार्टअटैक आया था अच्छा अब कहां है मां अपने घर में या अपने … Read more

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