औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … Read more

दिखावे की जिंदगी – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

मुझे तो अपने बेटे की शादी का रिसेप्शन उसी महंगे होटल से करना है जहां से मेरे भाई ने किया था एक ही तो बेटा है मेरा ,नीता जिद पर अड़ी हुई थी । मोहन जी उनके पति नीता को बहुत समझाने की कोशिश कर रहे थे पर वह सुन ही नहीं रही थी । … Read more

पैसा अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी आज निकिता कह रही थी देखो तो दीदी जीजाजी हमारे साथ गाड़ी से निधी की शादी से वापस आ गए और ये भी न हुआ कि दीदी से कि गाड़ी में पेट्रोल ही डलवा दें। फिर हमने भी रास्ते में एक महंगे होटल में गाड़ी रोक दी खाना खाने को कि चलो यहां खाना … Read more

नफरत की दीवार – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज मोहन जी अपने बड़े भाई गोपाल जी के गले लगकर रो पड़े। फिर भाभी के भी पैर छूकर आशीर्वाद लिया। अपने भतीजों को भी गले लगाया।आज इतने बरसों बाद सबको सामने देख कर मोहन जी के आंसू नहीं रूक रहे हैं। कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन गला बार बार रूंध जा रहा था।मन … Read more

लें देन से ज्यादा रिश्तों में प्यार जरुरी है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नित्या जब मायके से ससुराल आईं तो उसने सास सुनयना के सामने तीन चार बड़े बड़े गिफ्ट के पैकेट रख दिए , और एक छोटी डिब्बी में एक सोने की चेन और अंगुठी भी थी ।ये क्या हैं नित्या सुनयना ने पूछा। नित्या बोली वो भतीजी का मुंडन कराया था न तो पापा मम्मी ने … Read more

एक माफी मांग लेने से यदि रिश्ते बच रहे हैं तो बचा लीजिए – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या बहू आज फिर से तुमने राजमा बना दिया अभी परसों ही तो बनाया था , मुझसे हजम नहीं होता पेट भारी भारी हो जाता है बहुत गरिष्ठ होता है मेरा पेट साफ नहीं होता है ‌। नहीं आज फिर से राजमा नहीं बनाया है परसों का ही है बच गया था तो क्या … Read more

पापा की शादी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

प्रकाश जी 54 वर्ष के विधुर पति थे ।पेशे से इंजीनियर थे वो।दो साल से विधुर का जीवन बीता रहे थे वो।एक बेटी थी जिसकी पत्नी के जाने के बाद शादी हुई थी। बेटी एम बीए करने के दौरान साथ पढ़ने वाले सहपाठी मयंक को पसंद करती थी। मां को बेटी मेघा ने बताया था … Read more

स्नेह का बंधन – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मत रो बिटिया मां चली गई तो क्या हुआ बाबू जी तो है ,हम है मायके आती रहना इतना कहकर शकुन्तला ने दोनों बेटियों को गले लगा लिया और दोनों के हाथों में दस ,दस का एक-एक नोट रख दिया।और खुद भी आंसू पोंछने लगी। बिटिया जो आया है संसार में वाको तो एक दिन … Read more

ननद सिर्फ पति की बहन ही नहीं सबसे अच्छी सखी भी तो है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे रितिका क्या वहां रसोई में घुसी है भाभी के साथ, यहां आकर बैठ हमलोगों के साथ गप्पे लडा। भाभी कर लेगी न तुम क्यों परेशान हो रही वहां।हम ननदें क्या ससुराल से आकर अब मायके में भी काम करेंगी क्या रसिका बोली। तभी बीच में मम्मी रजनी भी बोल पड़ी ये रितिका भी न … Read more

अपनी बहू के अच्छाई के आगे आपको कुछ नहीं दिखता मम्मी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

देखिए भाभी जी आज मेरी बहू को अपने स्कूल से सबसे अच्छी टीचर का ये गिफ्ट मिला है ।ये कहते हुए प्रस्सति पत्र और गिफ्ट दिखाते हुए खुशी से सुधा जी की आंखें छलछला आई।आज धूप में बैठी इस पड़ोस की सुधा जी की सहेलियां जिनको सुधा जी बहू को मिला गिफ्ट दिखा रही थी। … Read more

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