टर्निंग पॉइंट कभी भी आ सकती है – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“मैंने••• तुझे कितनी बार कहा कि•• मत खेला कर उनके साथ पर तू है की सुनती ही नहीं•••! गीता अपनी बेटी सेजल से बोली। पर मां••!” मैं क्यों नहीं खेल सकती उनके साथ•••? आखिर वो मेरे भाई-बहने हैं•••! 1४ साल की सेजल बड़ी-बड़ी आंखों को मटकाते हुए गीता से ही सवाल जड़ दिया।  एक बार … Read more

रिश्तों में कुछ देख कर भी अनदेखा करना होता है-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

शादी ,हनीमून खत्म हुआ••• अब आर्या अपने जाने जहां हर्ष नौकरी करता था, की तैयारी शुरू करने लगी। देखो•• कल की ट्रेन है•• सारी पैकिंग हमें आज ही करनी होगी•• ताकि कल तक हम निश्चित हो सके। कहते हुए हर्ष आर्या को अपने बाहों में भर लेता है।  पर इतनी सारी पैकिंग क्या कल तक … Read more

जन्म दिया है तो जिम्मेदारियां भी निभानी होगी – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“आज पूरे 20 दिन बाद बर्न हॉस्पिटल में विद्या को अपने जिंदा होने का एहसास हुआ”। अब वह पहले से काफी ठीक थी– सामने पति प्रभात और अपने माता-पिता ,भाई को देख आंखों से बरबस ही अश्रु धारा निकल पड़े फिर प्रभात की तरफ देखते हुए धीरे से कुछ बोलने की कोशिश की परंतु ४0% … Read more

एक अल्हड़ एक परिपक्व – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज मधु जी  जिम्मेदारी से मुक्त हो गई ।  सबसे छोटे बेटे गोपाल की शादी अपने पसंद की लड़की रागिनी से किया ।‌ मधु जी के दो बेटे थे बड़ा बेटा आलोक जो स्वयं बैंक में कार्यरत था और अपनी ही सहकर्मी प्राची जो अंतर जाति थी, से” लव मैरिज” की । हालांकि घर वाले … Read more

सबका समय एक सा नहीं होता – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“ऐ—- तुम जानते नहीं— मैं किसका बेटा हूं”! अगर उन्हें पता चला कि तू बड़ा इस क्लास में इतराते फिरता है— तो फिर तेरी खैर नहीं•••••• ! विकास सारांश को धमकाते हुए बोला  ।  “मैं तुम्हारे पापा को नहीं जानता••• वैसे वह जो कोई भी हो मैंने कुछ किया ही नहीं तो फिर मुझे क्यों … Read more

ममता का आंचल – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“आपका दिमाग तो ठिकाने पर है ना मां जी”——-? 50000 का चेक आप हर 6 महीने में अनाथालय भिजवाती हैं— हमने कभी कुछ नहीं कहा परंतु आज तो आपने हद ही कर दी पूरे 5 लाख का चेक काटा है•••• प्रॉपर्टी आपकी है इसका मतलब यह नहीं कि हमारा कोई अधिकार नहीं•••••! शीतल ऊंची आवाज … Read more

लक्ष्य – मनीषा सिंह   : Moral Stories in Hindi

 “सुखिया की उम्र यही कोई 50- 55 के आसपास थी वह गांव का मेहनती ईमानदार और सीधा-साधा व्यक्ति था जो गांव के मुखिया बंसी लाल जी के यहां खेती-बाड़ी का काम देखता ।पत्नी को मरे 20 साल हो गए उसकी एक बहुत ही प्यारी बेटी लाजो जो 2 साल की थी। मरने की समय लाजो … Read more

किस्मत से लड़ाई – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“राजस्थान “के ‘जयपुर’ में “रामगढ़” नाम का एक छोटा सा’गांव’ था—। उसी गांव में मदनेश्वर नाम का लड़का अपनी बुढ़ी मां “सरला” और पत्नी “दिव्यांगना” के साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहा था— । पुरखों की थोड़ी बहुत जमीन थी जिससे उनका गुजारा ठीक-ठाक से हो जाता–।  अम्मा जी खाना लगाती हूं— रात काफी हो … Read more

“मां मुझे भी दीपावली मनानी है” – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

दीपावली आने में अभी 4 दिन शेष थे और इसकी तैयारी चारों तरफ जोर-शोर से चल रही थी । कहीं किसी के घर की रंगाई तो किसी के घर मिठाइयां बन रही थी— किसी की सफाई बची थी तो वह धनतेरस के दिन तक सारी सफाई को खत्म कर देना चाहते थे ताकि धनतेरस के … Read more

पश्चाताप के आशु – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रामबाबू”” लाखों में कोई एक सुहागन सदा सुहागन रहता है” “चांद सितारों से मांग सदा भरी रहे” जाने और भी कई डायलॉग थे— जो आज मुझे याद आ रहे थे — । “मेरी आंखों से लगातार “आशु ” निकलते जा रहे थे और  मैं चाह कर भी … Read more

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