बहु नहीं रोबोट चाहिए। : मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

आपको बहु नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए और खुद भी कंप्यूटर बनी हुई हैं, घर में सेना के जैसे नियम बनाए हुए हैं। प्रिया अपने कमरे में जाते हुए यूं ही बड़बड़ा रही थी और जाते ही बिस्तर पर पौटी करे हुए अपने बेटे कृष को देखकर गुस्से में झल्ला भी रही थी।         राधिका जी … Read more

मन की गांठ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 क्यों अम्मा जी, घर में सब तो बराबर नहीं होते, ऐसा आपने ही तो कहा था। अब ननद जी की बेटी के भात के लिए आप थोड़े ही फैसला करेंगे कि कौन कितने पैसे देगा। रमन अगर ज्यादा पैसा दे रहा है तो कोई बात नहीं उसने आपसे लिया भी तो ज्यादा ही है। जाने … Read more

अब बहू घर के तौर तरीके सीख गई है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पवन ने बहुत बार अपनी माताजी और बहनों को समझाया भी था कि उसकी पत्नी रानी को घर का इतना काम करना नहीं आता।वह बहुत थक जाती है और रोती रहती है।  उससे घर का इतना काम ना करवाया करो।  पवन तो यह कह कर चला जाता था परंतु पराई लड़की ने मेरे बेटे और … Read more

बुरा वक्त – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है देखो ना आज ही स्कूल से प्रिंसिपल का फोन आया था मुझसे पूछ रही थी कि निशि अब तुम कब ज्वाइन करोगी? अच्छा! हंसते हुए विनय ने पूछा फिर तुमने क्या कहा? अरे कैसे ज्वाइन कर सकती हूं? अब तो मेरा यही काम कितना … Read more

अब समझौता नहीं हो सकता। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 राधा जी के मोबाइल में उनकी नातिन शुभ्रा की सगाई का कार्ड व्हाट्सएप के द्वारा आया था।  शुभ्रा की सगाई का कार्ड देख कर वह समझ रही थी कि उनकी बेटी जया चाहती है कि मायके से उसके संबंध सुधर जाए परंतु वह जानती थी कि अब कोई समझौता नहीं हो  सकता।      राधा जी अपनी … Read more

तकलीफ़ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

  मेरी आत्मा को तकलीफ देकर तू कभी सुखी न रह सकती है। फोन पर स्पीकर से ताई जी का लगातार कुछ भी बोलना जारी था और आंखों में आंसू लिए मृदुल भाभी कुछ भी नहीं कह पा रही थी। मेरा मन हुआ मैं ताई जी को कुछ भी कहूं परंतु उन्होंने फोन बंद कर दिया … Read more

स्वार्थी रिश्ते। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

मिस्टर दास और जया अपने घर के लौन में आराम से चाय पी रहे थे कि तभी दीप्ति ने राजेश के साथ घर में प्रवेश किया। दीप्ति की भरी हुई मांग को देखकर दोनों हैरान हो गए। इससे पहले कि वह कुछ भी कहते राजेश ने मिस्टर दास और जया के पैर छुए। दीप्ति ने … Read more

औलाद के मोह के कारण वह सब कुछ सह गई। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

औलाद के मोह के कारण वह सब सह गई। पति के बिना बेटे और बेटी को पालना कोई इतना आसान थोड़े ही था। पति और सास की मृत्यु के बाद गांव में रहने खाने का कोई भी तो ठिकाना नहीं था। गायत्री अपने दोनों बच्चों को लेकर मायके आ गई। मायके में माता-पिता और भाई … Read more

रिश्ते – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————— यह धन संपत्ति ना अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देती है, कोई बात नहीं जीजी हम तो आपके साथ ही है ना। बड़ी भाभी गुड़िया को समझा रही थी।            चमन और गगन दोनों भाई अपने माता और परिवार के साथ सुख शांति से रह रहे थे। विवाह के बाद गुड़िया जब भी घर … Read more

दिखावे की जिंदगी – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 भले ही वह दो कमरों का हमारे जैसा ही सरकारी फ्लैट था परंतु ए.सी से ठंडा हुआ कमरा , गुदगुदा सोफा, इतने सुंदर टी.सैट में लाई हुई चाय, बाथरूम में गीजर, आर ओ, प्रत्येक आधुनिक सामान से सजी हुई रसोई, खाने के लिए शानदार काजू की नमकीन, महंगे बिस्किट और भी जाने क्या-क्या? यह सब … Read more

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