शो ऑफ – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“ओफ हो!मुकेश तुम्हें तो पता है ना इस हफ्ते मेरी किट्टी पार्टी है और आज तुम मुझे खबर दे रहे हो अम्मा पिताजी महीने भर के लिए गांव से आ रहे हैं!उनका पहनावा और रहन-सहन,बोल चाल गंवारों जैसा है! मेरी सहेलियों के सामने मेरी क्या इज्ज़त रह जाएगी,क्या सोचेंगी वे मेरे बारे में कि इतनी … Read more

“ढह ही गई नफ़रत की दीवार” – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

“ये सब इस मनहूस की वजह से हुआ! जब वो जा रहा था कैसे रो रो के इसने अपशकुन किया था! जब से फ्रंट पर जाने की बात सुनी थी इसने शलभ को चैन की सांस तक ना लेने दी थी पूरे घर में मनहूसियत फैला के रखी थी!हर वक्त मुंह सूजाऐ घूमा करती! अरे!जब … Read more

एक माफ़ी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिये – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

ट्रिंग ट्रिंग! दरवाज़े की घंटी बजी! इवा डिनर खत्म कर अपनी छ साल की बेटी इना को सुलाने की कोशिश कर रही थी!”अब इतनी रात को कौन आ गया “सोचते मैजिक आइ से झांक कर देखा पर समझ ना सकी! कौन?कहने पर उधर से आवाज आई “मैं!मैं हूं सागर! पूरे सात साल बाद वही सागर … Read more

उपहार वही जो दिल से दिया जाए – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“नीता!तुम्हारे विकास भैया का फोन मेरे ऑफिस में आया था तुम्हार भतीजे कुणाल की शादी तय हो गई ,मई में शादी है, हमें बहुत इसरार और सम्मान से ब्याह का न्यौता दे रहे थे! कह रहे थे “आप घर के दामाद हैं बहन से पहले आप को फोन कर रहा हूं!पता है नीता मुझसे झगड़ा … Read more

नज़ाकत रिश्तों की – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

सुधा की ननद रीना और ननदोई सुरेश अपने छः साल के दो जुड़वा बेटों के साथ राखी के लिए उसके घर आने वाले थे| सुधा और विकास की शादी को छः महीने ही हुए थे, दोनों ने मिलकर अपना छोटा सा फ्लैट बड़े मन से सजाया था| नया फर्नीचर, नये पर्दे, नया कालीन, नई क्राक्ररी, … Read more

ननदिया ने हाये राम बड़ा दुख दीना – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

विनी डियर! इस बार रीना-जीजा जी और बबली होली हमारे साथ मनाने आ रहे हैं ध्यान रखना कोई कमी ना रह जाए। सुधीर ने अपनी नई नवेली दुल्हन विनी से कहा। सुधीर और विनी के ब्याह को एक महीना ही हुआ था। नई-नई शादी का खुमार नया सामान नया घर सजाने में दोनों तन-मन से … Read more

“कड़वा सच” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

” आज हमारे परिवार में एक डॉक्टर और जुड़ गया!अब से मेरी बेटी डॉक्टर नीना मेरे साथ मेरी क्लीनिक में बैठेगी “! नीना के पिता डॉक्टर रवि चंद्रा ने गर्व और खुशी से कहा! वे बहुत खुश थे कि उनकी तीसरी पीढ़ी भी डॉक्टर बन गई!  “क्या मतलब नीना आपके साथ क्लीनिक पर बैठेगी?अरे भई … Read more

मैं अपने अहंकार के आगे रिश्तों का महत्व भूल गई – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“हलो टीना!रिनी बोल रही हूं!विकास एक हफ्ते को मुंबई ट्रेनिंग में जा रहे हैं!बड़ा मन है दो-चार दिन तुम्हारे साथ रहने का!तुम कहो तो मैं तुम्हारे पास आ जाऊं”? टीना ने अपने पति मुकेश को रिनी के आने के बारे में बताया तो उसने मुँह बनाकर जवाब दिया”बस तुम मिडिल क्लास लोगों के साथ यही … Read more

जीवन संध्या – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“तुम्हें कितनी बार कहा दरवाजे पर खड़ी ना मिला करो” सुरेश जी ने घर का गेट खोल कर अंदर आते हुए सीमा जी से कहा!”इतनी ठंडी हवा चल रही है और बिना शाॅल लिए बाहर खड़ी हो! चलो अंदर चलो”,और कुर्सी पर पड़ा शाॅल सीमा जी को उढ़ाकर उन्हें हाथों का सहारा देकर अंदर ले … Read more

पापा! नीता की जगह अगर आपकी बेटी होती तो… – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

नीता और रमन की शादी का दिन था। यह वह दिन था जिसका नीता ने बचपन से सपना देखा था। अपने मन में अनेक सपनों और उम्मीदों के साथ वह रमन के साथ फेरे लेने के लिए तैयार थी। मंडप में सजी हुई नीता के चेहरे पर एक मीठी सी मुस्कान थी, उसकी आँखों में … Read more

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