आखिर मेरे साथ ही यह सब क्यों होता है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अवंतिका के मन में आज बार बार यह प्रश्न उभरकर उसके सामने आ रहा था कि आख़िर मेरे साथ ही यह सब क्यों होता है । उसे याद आ रहा था जब वह दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी । उसके प्री फ़ाइनल परीक्षा चल रही थी । उसकी वजह से माता-पिता ने उसे घर … Read more

सीमा रेखा – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह के पाँच बजे थे । डोर बेल की आवाज़ को सुनकर पंकज की नींद खुली तो उसने सोचा कि अब इस समय कौन हो सकता है सोचते हुए ही धीरे से दरवाज़ा खोलने के लिए गया तब तक बेल तीन बार बज चुका था । उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला आश्चर्य से उसका मुँह … Read more

छोटी छोटी बातों में ख़ुशियों को तलाश करना सीखो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राजीव और सुभाष एक ही बिल्डिंग में आमने सामने वाले फ़्लैट में रहते थे । उन दोनों में अच्छी दोस्ती थी । रिटायर होने के बाद रोज सुबह शाम वाकिंग के बहाने सामने के पार्क में बातें करते हुए एक राउंड मारकर आ जाते थे । उन दोनों की सोच एक जैसी ही थी ।   … Read more

कड़वाहट – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

महिमा बचपन से देखती आ रही थी कि उनके घर में सिर्फ़ पिताजी ही बोलते हैं। इस घर में राघवेंद्र जी का राज ही चलता रहा । माँ सवित्री जी ने कभी भी अपना मुँह पिताजी के सामने खोला ही नहीं था। उनके घर पर जो भी आते थे उन्हें ऐसा लगता था कि माँ … Read more

कीमत – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

श्यामा जब तीसरी बार प्रेगनेंट थी तब वह रोज भगवान से प्रार्थना करती थी कि इस बार उसके घर बिटिया को ही भेजना । पति रोहन हँसते हुए कहा करते थे कि श्यामा बेटा हुआ तो किसी को दे देगी क्या? वह कहती थी कि मज़ाक़ में भी मत कहिए कि बेटा होगा हमारे दो … Read more

क्यों न करूँ अपनी क़िस्मत पर नाज – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माँ आप यह क्या कह रही हैं ? आप हमारी बात समझ क्यों नहीं रही हैं । प्लीज़ आप पापा को भी मेरी शादी में बुला लीजिए क्योंकि मेरा कन्यादान आप दोनों को ही करना है । यह सोनी मानिनी की बेटी थी जिसकी शादी होने वाली थी । मानिनी ने कहा -देख !सोनी तुम … Read more

अभागन – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

किरण मेरे जूते पालिश करने के लिए कहा था किया है कि नहीं ? यह किरण के पति अभिषेक की आवाज़ थी । किरण रसोई में पति के लिए ही लंचबॉक्स तैयार कर रही थी ।  उसकी तेज आवाज़ सुनते ही भागते हुए बाहर आते हुए कहती है मैंने पालिश कर दिया है । उस … Read more

रिश्तों के बीच विश्वास का एक पतला धागा होता है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

रोहणी बाज़ार से सब्ज़ी लाने के लिए गई हुई थी कि अचानक एक कार वाले ने उसे टक्कर मार दी थी । पैंसठ वर्ष की रोहिणी बीच बाज़ार में गिर कर बेहोश हो गई थी । पड़ोस में रहने वाले गिरीश जी ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया और घर पर खबर भी कर दिया था । … Read more

मनमुटाव – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जयराम सुबह बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे और सुवर्णा के हाथों की बनी चाय का इंतज़ार भी कर रहे थे । उसी समय उनकी छोटी बेटी मीरा धड़धड़ाते हुए अंदर घुस कर मम्मी मम्मी की रट लगाते हुए रसोई में घुस गई अंदर से दोनों माँ बेटी के बातें करने की आवाज़ें सुनाई … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनयना ग़ुस्से से राघव को घूरते हुए कहती है कि सुबह से लेकर रात को सोने तक नाश्ता लंच शाम को स्नेक्स रात को डिनर यही मेरा काम हो गया है ।  आप तो रिटायर होने के बाद आराम से पुस्तक पढ़ते हुए फोन पर बातें करते हुए गानों को सुनते हुए रेस्ट ले रहे … Read more

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