व्यर्थ की तकरार – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

अनंत और अंबिका दोनों एक दूसरे से बहुत प्यारकरते थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों से इस बारे में बात करनेका सोचा था।  अंबिका को जॉब करने में कोई रुचि नहीं थी। वह होम मेकर ही बनना चाहती थी। कॉलेज में वह शार्प माइंड और हाजिर जवाबीके लिए मशहूर थी। अनंत … Read more

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जीवन अमूल्य है – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

तनाव एक छोटा सा शब्द और न जाने कितनी छोटी-छोटी बातें इसे हमारे जीवन में फ्री फंड में ले आती है। आज पानी नहीं आया तनाव, मेड नहीं आई तनाव, घर से निकलनेमें देरी की वजह से ऑफिस पहुंचने में देरी फिर तनाव, बच्चे पढ़ नहीं रहे तनाव, किसी से तू तू मैं मैंहो गई … Read more

रिश्तो की मर्यादा – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

बेंगलुरु में स्थित एक अत्यंत सुंदर इलाका बसवनगुडी । समृद्ध शहर। इस क्षेत्र में स्थित कई अस्पताल, सुप्रसिद्ध विद्यालय और कॉलेज, पार्क , व्यस्त बाजार, छोटी-छोटी झील, रेस्टोरेंट और बहुतकुछ है। यहां लग्जरी अपार्टमेंट्स और स्वतंत्र घरभी हैं।  ऐसे ही एक आलीशान घर की गैलरी में बैठी थी सुंदर शुभ्रा, वह अपने घर के सामने … Read more

लक्ष्य – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

राघव और रश्मि के विवाह को 2 वर्ष बीत चुकेथे। उनके माता-पिता और खुद उन्हें भी अपने आंगन में किलकारी गूंजने का इंतजार था। पर न जानें क्यों रश्मि प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही थी। इसी तरह इंतजार करते-करते कुछ समय और बीत गया। माता-पिता से ज्यादा चिंता तो रिश्तेदारों को होने लगी थी। जो … Read more

धिक्कार है – गीता वाधवानी   : Moral stories in hindi

कहतेहैं कि जब किसी व्यक्ति का अंतिम समय निकटहोता है तो ईश्वर उसे उसके जीवन की पूरी घटनाएं एक पिक्चर की तरह दिखातेहैं। ऐसी ही मरणासन्न स्थिति में अस्पताल के बिस्तर पर पड़े थे मदनलाल और उनकी आंखों में घूम रहा था उनका जीवन।  माता-पिता की इकलौती संतान मदन। दादा दादी का लाडला और चाचा … Read more

सदा सुहागन – गीता वाधवानी  : Moral stories in hindi

दो वर्षों से बीमार लकवा ग्रस्त पति गोवर्धन दास की दवाई खाकर अभी-अभीआंख लगी थी। भारती देवीने उन्हें सोता हुआ देख कर चैन की सांस खुदभी आराम कुर्सी पर निढाल होकर पसर गई। आखिर उनकी भी तो उमर हो चलीथी।      जब इस घर में ब्याह कर आई थी, मात्र 18 वर्ष की तो थी। तब … Read more

औकात बदल गई – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

कॉलेज में पहुंचते ही अमन कीआंखें निशा को खोजने लगती थीं। दोनों का कॉलेज का आखरी साल था। निशा शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर अमरीशकी बेटी थी। जिनका खुद का एक बहुत बड़ा अस्पताल था। निशा को पैसेकी कोई कदर न थी और ना ही पढ़ाई-लिखाई में कोई रुचि। सिर्फ एक डिग्री प्राप्त करना उसका मकसद … Read more

लो चली मैं – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

लो चली मैं अपने देवर की बारात——गाने पर आरती ने अपने देवर की शादी में इतना अच्छा डांस किया कि सब तारीफ करते थक नहीं रहे थे।     आरतीकी शादी आयुष से हुई थी। उनकी शादी को लगभग सात वर्ष हो चुके थे। घर में सासू मां कविता देवी, ससुर जी किशनलाल, एक देवर गौरव और … Read more

बलिहारी – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

भावना तीन चार बार कमरे का दरवाजा खोलकर आंगनमें आई थी  और बार-बार गलीकी तरफ देख रही थी और यह बात नोटिस कर रही थी उसकी बातूनी लेकिन प्यारी पड़ोसन अंजू, उसका काम ही था नोटिस करना।  अंजू-“अरे भावना दीदी , क्यों इतनी बेचैन दिख रही हो, कब से अंदर-बाहर चक्कर लगाए जा रही हो, … Read more

पुरानी सुंदर यादें – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

काफी पुराना किस्सा है। मेरी दादी की एक पक्की सहेली थी जिनका नाम था सरला। उनके बड़े बेटे सुनील का विवाह हो चुका था और अब उनके छोटे बेटे हितेश की शादी थी। हमारे घर विवाह का निमंत्रण पत्र आ चुका था। दादी की सहेली को हम लोग दादी जी ही बुलाते थे।  मेरे डैडी … Read more

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