बलिहारी – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

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भावना तीन चार बार कमरे का दरवाजा खोलकर आंगनमें आई थी  और बार-बार गलीकी तरफ देख रही थी और यह बात नोटिस कर रही थी उसकी बातूनी लेकिन प्यारी पड़ोसन अंजू, उसका काम ही था नोटिस करना।  अंजू-“अरे भावना दीदी , क्यों इतनी बेचैन दिख रही हो, कब से अंदर-बाहर चक्कर लगाए जा रही हो, … Read more

पुरानी सुंदर यादें – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

New Project 35

काफी पुराना किस्सा है। मेरी दादी की एक पक्की सहेली थी जिनका नाम था सरला। उनके बड़े बेटे सुनील का विवाह हो चुका था और अब उनके छोटे बेटे हितेश की शादी थी। हमारे घर विवाह का निमंत्रण पत्र आ चुका था। दादी की सहेली को हम लोग दादी जी ही बुलाते थे।  मेरे डैडी … Read more

शगुन – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

New Project 95

दादी ललिता अपनी पोती प्रगति के गले लग कर रो रही थी। वे थोड़ी देरऐसे ही रोती रही फिर प्रगति ने कहा-“बस करो दादी, ऐसा ना हो कि आपके आंसुओं से बाढ़ ही आ जाए।”  “चल हट नटखट”और दादी ललित हंस पड़ी।  दरअसल प्रगति ललिता जीकी सबसे छोटी औरतीसरी पोती थी। ललिता जी जब प्रगतिके … Read more

गिले शिकवे – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

New Project 100

“मां ,मैं आखरी बार कह रहा हूं, मैं सलोनी से ही शादी करूंगा। मुझे उसी से शादी करनी है करनी है करनी है, बस किसी और से नहीं।”आशीष ने  गुस्से में कहा।  उसकी मां शारदा जी ने कहा-“मैं और तेरे पापा (राजन) इस शादी के खिलाफ हैं। तब भी क्या तू अपनी मर्जी चलाएगा। ना … Read more

फैसला हो चुका है – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

New Project 99

आधी रात का समय था। 3:30 बज रहे थे या फिर यूं कहिए कि भोर होने को थी। धीमी गति से जा रही पुलिस जीप, जिसमें तीन सिपाही और एक इंस्पेक्टर बैठे थे, जैसे ही आगे बढ़ी, एक आवाज आई”छपाक”।  गश्त लगा रही पुलिस तुरंत पीछे की तरफ आई। नदी के किनारे बनी रेलिंग पर … Read more

अपने प्रति दायित्व – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

New Project 58

आज विभा जब बाजार गई, तब अचानक एक महिला उससे टकरा गई। विभा ने कहा-“सॉरी !”  उसे औरत ने भी कहा-“सॉरी”और जब दोनों ने एक दूसरे को देखा, तब 2 मिनट लगे एक दूसरे को पहचानने में। हालांकि पहले विभा ने पहचान लिया-“अरे शिल्पा तू।”  शिल्पा उसकी एक पुरानी सहेली थी। कई वर्षों बाद दोनों … Read more

पापा कब आओगे? (अंतिम भाग )   : Moral stories in hindi

डॉक्टर साहब ने कहा डर वाली कोई बात नहीं है। शिव ने डॉक्टर से पूछ कर उस आदमी की नाई को बुलाकर शेव बनवा दी। अब वह बिल्कुल पहचान में आ रहा था। हां, यह सुबोध ही तो है। शिव की आंखों से आंसू बह चले। बालों को हाथ नहीं लगाया जा सकता था क्योंकि … Read more

पापा कब आओगे? (भाग-2)   : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा।चार लोगों का सुखी परिवार था सुबोध मीना, ख्याति और यश। सुबोध का एक दोस्त था शिव जिसका विवाह नीरू से होने वाला था। एक दिन अचानक सुबोध ना जाने कहां गायब हो जाता है मीना और बच्चे परेशान हैं। अब आगे  दोपहर में शिव आया। ख्याति उसकी टांगों से लिपट गई … Read more

किस्मत का न्याय – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

राह चलती लड़कियों को छेड़ना, गंदे गंदे जुमले बोलना, स्पर्श करने की कोशिश करना, चोरी चकारी यही सब काम थे उसके-नाम था उसका टीकम टिल्लू, यार दोस्त उसे टिल्लू ही कहते थे।  नजदीक की एक गली में, पढ़ी-लिखी, सुंदर अच्छे खानदान की लड़की काजल रहती थी। वह जब प्रतिदिन अपने ऑफिस के लिए निकलती टिल्लू … Read more

अब और नहीं (भाग 2) – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब तक आपने पढ़ा कि ज्योति अपने बैग उठाकर घर छोड़कर जाने लगती है और उसका पति देवेंद्र जो स्वयं को भाग्य विधाता समझता है वह उसे अपने घमंड के कारण रोकता भी नहीं है।  अब आगे  ज्योति अपने दोनों बैग लेकर निकल गई। घर से निकलते ही उसे पड़ोस … Read more

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