भाविया – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 उज्ज्वला  और आशीष के विवाह को 5 वर्ष पूरे होने जा रहे थे। आशीष की मां सुनीता जी को उनके यहां अभी तक संतान न होने की चिंता सताती रहती थी। व्रत, पूजा, अनुष्ठान,दवाइयां सब कुछ करवा चुकी थी  विवाह को छठा  साल भी शुरू हो चुका था।   तब ईश्वर की कृपा हुई और उज्ज्वला  … Read more

बहूरानी या दुश्मन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सुषमा जी को जब पता लगा कि उनका बेटा विवेक ऑफिस में साथ काम करने वाली लड़की अपर्णा से विवाह करना चाहता है तो वह बहुत नाराज हुई।   सुषमा-” विवेक तू जानता भी है तू क्या कह रहा है, हम शाकाहारी लोग और वह मछली खाने वाली बंगालन। कैसे चलेगा यह सब मैं कहे देती … Read more

मुझे अफसोस है – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दरवाजे पर घंटी बजती है और कल्याणी देवी जाकर दरवाजा खोलते हैं। सामने पुलिस खड़ी थी। पुलिस ऑफिसर ने पूछा -” क्या आपके बेटे का नाम अभिषेक है और वह इस समय कहां है? ”   कल्याणी- घबरा कर पूछती है -” क्या हुआ इंस्पेक्टर साहब, क्या बात है? हां अभिषेक है मेरे बेटे का नाम … Read more

निर्णय – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

कीर्ति का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। वह बचपन से ही होशियार, सुसंस्कृत और आत्मविश्वास से भरपूर थी। कीर्ति ने पढ़ाई में हमेशा अच्छे अंक प्राप्त किए और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। कीर्ति की शादी एक अच्छे परिवार में हुई थी। लेकिन जल्द ही उसे एहसास हुआ कि उसके पति में … Read more

ममता जीत गई – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

ज्योति के जीवन का सफर अपने पति निशांत के साथ एक सामान्य भारतीय परिवार की कहानी जैसा ही था। आठ साल पहले उसके और निशांत के विवाह के बाद सभी ने उम्मीद की थी कि जल्द ही उनके परिवार में नन्हा मेहमान आएगा। लेकिन संतान सुख की प्रतीक्षा में बीते सालों ने इस खुशी को … Read more

खुशियों के दीप जल उठे – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

आज गीतिका जी बहुत खुश थी। उसकी बहू मिताली ने मंदिर से आते ही खुशखबरी सुनाई थी कि मम्मी जी आप दादी बनने वाली हो।    उसका नन्हा मुन्ना बेटा खुश आज इतना बड़ा हो गया है कि वह पापा बनने वाला है। कितने साल बीत गए उसके पति के गुजरने के बाद तो जैसे खुशियों … Read more

सिंदूर मेरा सम्मान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

केतकी, स्वभाव से अक्खड और  जिद्दी थी लेकिन बहुत सुंदर और पढ़ी-लिखी।   पढ़ाई खत्म करने के बाद वह एक जॉब कर रही थी। माता-पिता और भाई अजय की लाडली। जो भी कमाती थी अपने कपड़ों, मेकअप और ज्वेलरी आदि पर खर्च कर देती थी।उसकी मां उसे समझाती थी कि कुछ बचत करना सीखो। बचत बहुत … Read more

दरार – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सब अड़ोसी पड़ोसी और रिश्तेदार यही सोच रहे थे कि यह भी कोई उम्र है जाने की। वह भी इतने बुरे तरीके से, मासूम से बच्चे को छोड़कर। भगवान इसके साथ ऐसा क्यों हुआ, ऐसा किसी के साथ ना हो। आरती का पार्थिव शरीर आंगन में पड़ा था। 5 साल के बच्चे पार्थ को स्कूल … Read more

यही है अपनों का साथ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दो बड़े भाई अतुल और विक्की, दो बड़ी बहनें प्रभा और माला और इन सबसे छोटी अनु। सब बच्चे माता-पिता और दादा-दादी के लाडले।   अतुल ने पापा का ड्राई फ्रूट्स का व्यापार संभाल लिया और विक्की ने रेडीमेड कपड़ों का। दोनों का विवाह भी अच्छे अमीर घरों में  हो गया था। प्रभा और माला का … Read more

अखंड सौभाग्यवती रहो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 पति नारायण और पत्नी पदमा। दोनों सरल हृदय, निस्वार्थी, परोपकारी और मधुर व्यवहारवाले थे।उनका इकलौता पुत्र राघव बिल्कुल उन्ही पर गया था।   नारायण और पदमा दोनों को जब भी मौका मिलता, दूसरों की मदद करते, कभी गरीबों को भोजन करवाते कभी गरीब लड़कियों के विवाह में सहायता करते तो कभी किसी को मुफ्त में दवाइयां … Read more

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