स्कीम वाली दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

” बड़े भैया, छोटे भाई नीरज का अपमान करने का कोई हक नहीं है। आप पहले भी दो-तीन बार ऐसा कर चुके हैं,मैं आपसे बहुत नाराज हूं।आखिरकार आप बड़े हैं अगर आप ही ऐसा करेंगे,तो छोटों को क्या सिखाएंगे। “मीता ने अपने बड़े भाई कमल से कहा।   कमल ” तू गलत कह रही है मैंने … Read more

बुजुर्ग मोहताज नहीं होते – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मायके में कुछ दिन रहने आई रचना ने जब अपनी मम्मी की बात सुनी और उनके आंसू देखे तो मानो, उसे ऐसा लगा, किसी ने उसके मुंह पर कसकर तमाचा जड़ दिया हो।   उसकी मम्मी उसे बहाने से बाहर ले गई। ” चल रचना, बाजार चलते हैं मुझे सूती सूट लेने हैं और तू भी … Read more

मुझे माफ कर दो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 ए सी वाले कमरे में सोते हुए भी प्रतिभा पसीने से तरबतर हो चुकी थी। वह हड़बड़ा कर उठ बैठी,वह बहुत परेशान थी,उफ! फिर वही सपना, वह समझ नहीं पा रही थी कि यह सपना मुझे बार-बार क्यों आता है वह इस सपने से बहुत ज्यादा डर जाती थी हालांकि वह इन बातों पर यकीन … Read more

भाभी के तेवर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 मनीषा अपनी भाभी तानिया को खाना खाने के लिए छत पर बुलाने गई थी। उसने देखा कि तानिया किसी से फोन पर बात कर रही है। उसकी बातों से लग रहा था कि वह फोन पर अपनी मम्मी से बात कर रही है। मनीषा ने सुना की तानिया कह रही थी -” मम्मी आपको तो … Read more

अपमान का बदला – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 विधवा  सुलोचना जी ने अपने इकलौते बेटे अमन की शादी, एक सुंदर पढ़ी-लिखी लड़की संध्या से करवाई थी। संध्या किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी और अमन भी एक बहुत अच्छी पोस्ट पर था। खुद सुलोचना की शिक्षिका थी। वह अब रिटायर हो चुकी थी। उनके घर में गोमती नाम की एक लड़की काम … Read more

मन का रिश्ता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 फाइनली, आज रोहित ने हमेशा के लिए कोलकाता छोड़कर मुंबई जाने का फैसला कर लिया था। मुंबई में उसने एक अच्छी जॉब भी ढूंढ ली थी,हालांकि कोलकाता से उसका मनका रिश्ता था।आखिर बचपन से वही पला बढा था लेकिन अब बचा ही क्या था वहां उसके लिए। 2 साल का था जब पिताजी गुज़र गए … Read more

मेरा फैसला – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 रोहित और उसकी पत्नी भावना गाजियाबाद में रहते थे। रोहित का छोटा भाई मोहित अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ उत्तर प्रदेश के एक दूर   गांव में रहता था।   एक दिन रोहित के पास मोहित का फोन आया। उसने कहा -” भैया, दो-तीन दिन की छुट्टी लेकर आ जाओ और मां को शहर ले जाओ। … Read more

भाग्यहीन नहीं भाग्यशाली – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

14 वर्षीय रूचि ने आज स्कूल से आते ही अपना बैग अपनी मां अंजलि के सामने जोर से पटक दिया और भाग कर अपने कमरे में चली गई। अंजलि ने उसे बहुत आवाज़ लगाई पर उसने ना तो कमरे का दरवाजा खोला और ना स्कूल यूनिफॉर्म बदली।उसके कमरे से टीवी की आवाज लगातार आ रही … Read more

भाविया – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 उज्ज्वला  और आशीष के विवाह को 5 वर्ष पूरे होने जा रहे थे। आशीष की मां सुनीता जी को उनके यहां अभी तक संतान न होने की चिंता सताती रहती थी। व्रत, पूजा, अनुष्ठान,दवाइयां सब कुछ करवा चुकी थी  विवाह को छठा  साल भी शुरू हो चुका था।   तब ईश्वर की कृपा हुई और उज्ज्वला  … Read more

बहूरानी या दुश्मन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सुषमा जी को जब पता लगा कि उनका बेटा विवेक ऑफिस में साथ काम करने वाली लड़की अपर्णा से विवाह करना चाहता है तो वह बहुत नाराज हुई।   सुषमा-” विवेक तू जानता भी है तू क्या कह रहा है, हम शाकाहारी लोग और वह मछली खाने वाली बंगालन। कैसे चलेगा यह सब मैं कहे देती … Read more

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