निःशब्द प्यार – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  माँ एक बार मिनी से मिल तो लो,पहले से कोई मन मत बनाओ।माँ मुझे पूरा विश्वास है मिनी को तू नापसंद नही करेगी।प्लीज माँ।          राहुल और मिनी एक दूसरे से बेइंतिहा प्यार करते थे।एक दूसरे का हो जाने की कसमें खाना और भविष्य के सुनहरे सपनो में दोनो का खोये … Read more

अपराधबोध – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : भाई, तुमने अपने कदम पीछे क्यूँ खींच लिये थे,तुम तो मुझे बचाने चले थे,फिर क्या हुआ?काश मुझे हॉस्पिटल ही पहुँचा देते।मेरे परिवार का क्या होगा?       हड़बड़ा कर रमेश की आँखे खुल गयी।पसीने से तरबतर रमेश असहजता से उठ बैठा।सपने में दिखाई देने वाले व्यक्ति को वह पहचान गया था।उसको डर … Read more

 प्यार का व्यापार – बालेश्वर गुप्ता

 अरे अंकल ये तो मेरा फर्ज था।एक ही कॉलोनी में रहते हैं, एक दूसरे के दुःख सुख में काम आना तो बनता है।           बेटा काफी प्रयास के बाद भी मालिनी के ब्लड ग्रुप का ब्लड नही मिल पा रहा था,तुमने अपना ब्लड देकर हमारी मालिनी की जान बचाई है।हमारे लिये तो बेटा, तुम फरिश्ते हो। … Read more

आंगन की दीवार – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अपने जीवनकाल में ही हीरालाल जी ने अपने दोनो बेटों में उनकी रुचिनुसार कार्य बंटवारा कर दिया था।जमीदारी का कार्य उनका छोटा बेटा वीरेंद्र देख रहा था।उसमें जमीदारी के पूरे गुण थे,पूरा रुआब वाला व्यक्तित्व, आन बान शान को रखने में माहिर वीरेंद्र को जमीदारी में ही रुचि थी।अंग्रेजी शासन … Read more

प्रपंच – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सेठ रामगोपाल जी को अच्छा बड़ा व्यापार विरासत में मिला था।उनके पिता बनारसीदास जी ने बहुत संघर्ष कर  अपनी छोटी सी परचून की दुकान को अनाज व गुड़ की आडत के प्रतिष्ठान में बदल दिया था। अपने बेटे रामगोपाल को अपना व्यापार संभालने का प्रशिक्षण देने हेतु उन्होंने अपने जीवनकाल … Read more

दादा जी की वसीयत –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :     भुवनेश जी के घर मे आज धूम थी,हो भी क्यों ना ,आज उनके बेटे मनोज के यहां जुड़वाँ बेटों ने जन्म लिया था।दुहरी खुशी में सब सरोबार थे।तमाम रिश्तेदार आने प्रारंभ हो गये थे।भुवनेश जी ने भी सोच लिया था कि एक बड़ा समारोह का आयोजन करेंगे।ये सुअवसर उन्हें मनोज … Read more

तपस्या का फल – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: प्रतिदिन ही प्रातः 6 बजे मैं सुबह की सैर के लिये निकलता और सीधे पहुँच जाता,जैन बुक डिपो पर।असल मे जैन साहब पुस्तको की दुकान चलाने के  अतिरिक्त तमाम समाचार पत्र भी वितरित कराते थे। उन्होंने कई समाचार पत्रों की एजेंसिज ली हुई थी।मैने घर के लिये दैनिक जागरण अख़बार बांध … Read more

बीज संस्कार के – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: जुगल किशोर बस ऐसे ही दुनिया से चले गये।जीवन संघर्ष का परिणाम देखने से पहले ही।आज के समय मे 49-50वर्ष भी कोई उम्र होती है,पर ईश्वर इच्छा के आगे किसका वश चलता है।       कल दिन में जरूर अपने बड़े बेटे मोहन से दुकान पर बैठे बैठे बोल रहे थे,मोहन आज तबियत … Read more

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सुख सागर –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :देखते देखते सामने ही गायत्री चक्कर खाकर अचेत हो जमीन पर गिर पड़ी।अचकचा कर महेंद्र बाबू गायत्री की ओर लपके।उसका सिर गोद मे ले गायत्री को होश में लाने का प्रयत्न करने लगे।खुद का चेहरा आँसुओ से सरोबार,पता नही कब खुद भी उसी अवस्था मे पहुंच जाएं, पर जब तक सांस … Read more

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सूर्य की किरण – बालेश्वर गुप्ता: Moral stories in hindi

moral stories in hindi : बेटा, कब तक पुरानी यादों को लिपटा कर रखेगा।घर आंगन में किलकारी गूँजेगी तो बेटा बुरी यादें सब खत्म हो जायेंगी।     माँ, ये तू कह रह रही है?जिसे तू इतने प्यार से लायी थी,चली गयी न यूँ ही छोड़कर,बता कैसे भूलूँ?          कुल दो वर्ष पहले ही की तो बात है,रंजना … Read more

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