वो एक माँ ही कर सकती है – ज्योति अप्रतिम
“अरे कहाँ हो भाई ।एक पखवाड़ा बीत गया है ,कोई बात नहीं हो पाई।सब ठीक तो है न !”मैंने किरण ,अपनी अभिन्न मित्र से फ़ोन पर पूछा। “हाँ ,सब ठीक ही है।” उदास सा स्वर सुन कर ही समझ आ गया कुछ तो दाल में काला है ! “स्पष्ट बताओ डिअर ! क्या हुआ ?”मैंने … Read more