माफ़ी – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
रामदिन काका ने प्रभा के कमरे के बाहर दरवाजे पर खड़े होकर आवाज लगाई। “बहुरिया आपके बाबूजी आए हैं मिलना चाहते हैं। उन्हें बुला लूँ अंदर !” काका को ही पूरे घर के देख -रेख की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रभा जब से ब्याह कर इस घर में आई थी तब से ही देखा था … Read more