धोखा – गणेश पुरोहित

     मैं गांव में रह कर राजनीति करता रहा और सुधीर शहर जा कर एक बड़े राजनेता का शार्गिद बन गया। राजनीति में आगे बढ़ने के गुर उसे आगये। मैं गांव की राजनीति करते- करते सिर्फ सरपंच बन कर रह गया और वह एमएलए, सांसद और मंत्री बन गया। उसके पास तिकड़मी धूर्तता और बेईमानी से … Read more

एक शादी ऐसी भी – सुषमा यादव

किसी शादी में चले जाएं तो लोग इतना दिखावा करते हैं,हम हैरान रह जाते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अमीरों या उच्च मध्यम वर्गीय लोगों जैसे पानी की तरह बेतहाशा पैसा शादी में बहाएं। पर कुछ लोग दिखावे में आकर खूब धूमधाम से शादी करेंगे। वो भला किसी से क्यों … Read more

 मैं  ही क्यों ? – पूनम अरोड़ा

वैदिक मैसेज कर रहा था रिमि को ” मुझे पीहू के साथ अचानक रेस्ट्रां में  देखकर अपने मन में  मेरे  उसके साथ किसी रिश्ते की काल्पनिक  अवधारणा  बना कर तुम बिना कुछ  पूछे , बिना कहे एक मिनट में सब  कुछ खत्म करके मायके चली गई । मैंने कितनी बार तुमसे  बात करने की कोशिश  … Read more

अभिमान या स्वाभिमान – नीलिमा सिंघल

बनारस रेलवे स्टेशन के बाहर गौरी अपनी रिक्शा पर बैठी कोई सवारी मिलने का इंतजार कर रही थी। गाड़ी आ चुकी थी। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। सभी को अपनी मंज़िल पर पहुंचने की जल्दी थी। बाहर बहुत से रिक्शा वाले थे। उन सब में एक गौरी ही अकेली लड़की थी जो रिक्शा चलाती थी। … Read more

अभिमान किस बात का – संगीता अग्रवाल

” बेटा तेरे पापा के दोस्त है ना नरेश अंकल उन्होंने तेरे लिए एक रिश्ता बताया है !” नैना जी अपनी बेटी रीत से बोली। ” मम्मा अभी क्या जल्दी शादी की आप लोग भी ना बस !” रीत झुंझला कर बोली।  ” बेटा अठाइस साल की हो चुकी हो हर चीज वक़्त से हो … Read more

अभिमान कैसा? –  विभा गुप्ता

  ” नहीं दीनदयाल, तुमने विवाह में कार देने की बात कहकर अब मुकर रहे हो, यह ठीक नहीं है।आखिर मैं बेटे का बाप हूँ, समाज में मेरी इज़्जत रह जायेगी।” रामकृष्ण अपने समधी से तीखे स्वर में बोले तो दीनदयाल बोले कि हाँ रामकृष्ण, मैंने तुमने कार देने की बात कही थी लेकिन तब छोटी … Read more

अभिमान ही मेरा गहना है – के कामेश्वरी

सरस्वती भगवान के पास हाथ जोड़कर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसकी सज़ा मुझे मिल रही है । सरस्वती है कौन उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है जिससे … Read more

जीवन-साथी का चयन – मुकुन्द लाल

जब ललिता के घर पर उसके  छोटे पुत्र अंकित की शादी के बाबत अगुआ पहुंँचा तो उसने उसकी आवभगत और स्वागत-सत्कार की औपचारिकता के बाद लड़के की मांँ ने लड़की के संबंध में जानकारी लेनी चाही तो अगुआ ने लड़की की सुन्दरता, शिष्टता, स्वभाव व आचरण संबंधी जानकारी देने के क्रम में उसकी प्रशंसा करते … Read more

छोटी बहन – उमा वर्मा

यह कहानी मेरी  अपनी छोटी बहन को समर्पित है जो पाँच मई को गुजर गयी । मैं उसकी दीदी उसे श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ ।” बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सुबह सुबह नहा धो कर तैयार हो गई ।मन में था थोड़ा हवन कर लूँ ।बस सारी तैयारी शुरू कर दिया ।बच्चे आफिस जा चुके … Read more

 अभिमान  – हेमलता गुप्ता

राहुल 7 साल का मासूम सा बच्चा, जिसके मम्मी पापा दोनों नौकरी करते थे! राहुल हमेशा अपनी मम्मी से कहता, मम्मी जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तब मैं कलेक्टर बनूंगा और फिर आपको नौकरी नहीं करनी पड़ेगी! आप हमेशा मेरे साथ ही रहना! पापा मम्मी दोनों राहुल की प्यारी सी बातों पर इतरा जाते! कुछ … Read more

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