अभिमान क्यूं – आरती झा आद्या

पापा आज तो देर हो रहा हूं, कल पक्का शर्मा अंकल के यहां छोड़ता हुआ जाऊंगा..उत्सव अपने पापा दीनदयाल जी को कहता हुआ सभी को बाय बाय करता ऑफिस के लिए निकल गया। पापा कल चलते हैं रूटीन चेकअप के लिए, आज एक मीटिंग में अर्जेंटली पहुंचना है। मां समझाना पापा को, समझते नहीं हैं … Read more

भला उसकी साड़ी मेरी साड़ी से सफ़ेद कैसे – सारिका चौरसिया

कामिनी जी बड़ी बेबाक महिला थी उन्हें न तो किसी से डर लगता और न ही वे किसी का अदब करना ही जानती थीं। उन्हें हर हमेशा अपनी ही बात सही लगती। और अक्सर बिना किसी भी बात की तह तक पहुँचे वे प्रथम दृष्टया धारणा बना लिया करती थीं। यहां तक कि ज्यादातर उन्हें … Read more

मुझे तो मक्खन जैसी बहू चाहिए – सुषमा यादव

सपना के पति और उनके एक बहुत घनिष्ठ मित्र दीपक एक ही यूनीवर्सिटी में पढ़ रहे थे। दोनों की शादी हो चुकी थी,पर बच्चे अभी नहीं थे। पूरी यूनिवर्सिटी में उन दोनों की दोस्ती की मिसाल दी जाती थी। एक दिन दीपक ने सपना के पति राजेश से कहा,यार,चलो हम अपनी इस दोस्ती को एक … Read more

मुझे रिश्तेदारों से एलर्जी है – पुष्पा ठाकुर

 ”  मम्मी, हमारे सारे फ्रैंड्स समर वैकेशन में अपने अपने नानी या दादी के घर जा रहे हैं।हम क्यों नहीं जाते मम्मी? पूरी छुट्टियां ऐसे ही चली जाती हैं। प्लीज़ चलो न…हम भी चलते हैं।”   बेटी सानिया अपनी मां से कहने लगी।   ‘बेटा,हम भी चलेंगे पर कोई अच्छी सी हिलस्टेशन …   जितना पैसा गांव के … Read more

मां मान तो पत्नी अभिमान – रोनिता कुंडू

घर पूरा लोगों के गहमा गहमी से चहक रहा था… हर कोई ऋषि को बधाई दे रहा था… किसी किसी ने आकर सविता जी को भी बधाई दी… बधाई हो बहन जी..! यह सब आपके मेहनत का ही नतीजा है, जो ऋषि बेटा इतनी कम उम्र में बुलंदियों की सीढ़ियां चढ़ रहा है.. फिर ऋषि … Read more

सम्मान बना अभिमान – गुरविंदर टूटेजा 

जोरो-शोरों से शादी की रस्मों के बाद आज विनीता की विदाई हो रही थी सबसे मिल रही थी पापा-मम्मी व भाई से मिलकर उसका व उनका हाल बहुत बुरा था पर जाना तो था ही….!!!!    विदाई के बाद नयी दुनिया में बहुत सुंदर स्वागत हुआ बहुत प्यारा परिवार था…पति अभिषेक ,पापा-मम्मी, जेठ-जेठानी , उनके दो … Read more

अभिमान – अविनाश स आठल्ये

ये देखो नितिन, हर्षल गुप्ता भी तो तेरे साथ पढता था न, उसे भी बैंक में जॉब लग गया है, उसके माँ बाप का भी सीना गर्व से  किंतना चौड़ा हुआ होगा सोचो.. नितिन की माँ सुंगधा ने कहा। तुझे पता है, विभा भी सिविल सर्विसेज के लिए सिलेक्ट हो गई है, तू कुछ बनेगा … Read more

व्याहता – डाॅ उर्मिला सिन्हा

   आंगन में शोर सुनकर गौरी के पांव अनायास ही उस ओर मुड़ गये।सभी के होठों पर जैसे ताले जड़ गये।होंठ चुप,परंतु आंखों में छिपे हुए रहस्य …ताले जडे़ अधरों पर मुस्कान की वक्र रेखा ।एक दुसरे की ओर कनखियों से इशारे करती ननदें-जिठानियां ।श्वेत साडी़ में  विधवा सास द्रुतगति से सरौता चलाने लगी ।महरियांं इधर-  … Read more

पैसा बचाके रख अमित…. – मीनाक्षी सिंह

क्या पापा ,कितनी बार कहा हैँ कि इस  ये घिसे  पीटे कूलर को सही मत किया करो ,कितना पुराना हो गया हैँ ,हर गर्मी में लेकर बैठ ज़ाते हैँ आप ….इतनी कड़ी धूप में मोटर सही करते हैँ …साफ करते हैँ …घास लगाते हैँ….एसी लगवा देता हूँ आपके कमरे में भी …ज़माने चले गए कूलर … Read more

 अभिमान का कीड़ा –    विभा गुप्ता

 ” क्या छोटी भाभी,आप छोटी-सी बात को तिल का ताड़ क्यों बना रहीं हैं।बच्चा है, खेलते हुए एक खिलौना टूट ही गया तो क्या हुआ?” नैना ने दिव्या को समझाने का प्रयास किया तो वह बिफ़र पड़ी, ” खिलौना..! तुमलोगों ने कभी मंहगे खिलौने देखे भी हैं क्या।ये तो मेरा भाई जापान से लाया जिसे … Read more

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