दोगला और निर्लज्ज – गीता वाधवानी
कमरे के दरवाजे पर ठक -ठक की आवाज सुनकर नई नवेली दुल्हन करुणा की आंख खुल गई। उसने देखा कि सुबह के 9:00 बज रहे हैं। उसने दरवाजा खोला तो सामने सास खड़ी थी, उसे लगा कि शायद देर हो जाने के कारण वह उन्हें जगाने आई है, और वह तो दरवाजा खुलते ही धड़धड़ाती … Read more